नई दिल्ली : गरीब बच्चों की सुध लेते हुए दिल्ली उच्च न्यायलय ने गरीब बच्चों के हित में महत्वपूर्ण आदेश दिया है. सभी सरकारी और निजी स्कूलों को अदालत ने कहा है कि गरीब बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए आवश्यक उपकरण जैसे कि मोबाइल आदि और इंटरनेट पैकेज उपलब्ध कराए. सुविधा के अभाव में बच्चे मूलभूत शिक्षा से अछूते रह जाते हैं.
दिल्ली अदालत के न्यायमूर्ति मनमोहन और संजीव नरुला की पीठ ने आदेश देते हुए कहा कि गैर वित्तपोषित निजी स्कूल, शिक्षा के अधिकार कानून-2009 के तहत बच्चों को आवश्यक उपकरण और इंटरनेट पैकेज खरीदने पर आई जो भी उचित लागत हो उसकी प्रतिपूर्ति (रिम्बर्समेंट) सरकार से प्राप्त करने के योग्य है.
इस संबंध में पीट ने तेने सदस्यीय समिति के गठन का भी निर्देश दिया है. इन तीन सदस्यों के रूप में इस समिति में निजी स्कूलों के प्रतिनिधि, केंद्र के शिक्षा सचिव या उनके प्रतिनिधि, दिल्ली सरकार के शिक्षा सचिव या प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. आपको जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट ने यह आदेश गैर सरकारी संगठन ‘जस्टिस फॉर ऑल’ की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. जिससे कि गरीब बच्चे भी अमीर बच्चों की भांति शिक्षा का लाभ लें सके. बता दें कि फिलहाल देश में स्कूल खुलने का रास्ता साफ़ नहीं हुआ है, जल्द ही इस संबंध में कोई बड़ी ख़बर देश को सुनने को मिल सकती है.