दिल्ली (Delhi) राज्य के आबकारी विभाग के मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि केंद्र सरकार की नई आबकारी नीति से दिल्ली को शराब व्यवसाय से मिलने वाला रेवन्यू घटने वाला है, इसके साथ ही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यवाहियों से डरकर शराब की दुकानों में भी कमी आने की आशंका मनीष सिसोदिया के द्वारा जताई जा रही है।
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पहले मिलता था 6000 करोड़ का रेवेन्यू, अभी मिल रहा है 9500 करोड़
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि पहले दिल्ली सरकार को 6000 करोड़ का रेवेन्यू शराब दुकानों से मिलता था, जोकि वर्तमान में 9500 करोड़ रुपए मिल रहा है। उन्होंने साथ ही बताया की पहले दिल्ली में 850 शराब दुकाने हुआ करती थी, जोकि फिलहाल सिर्फ 468 दुकानों पर सिमट के रह गई है। उनके अनुसार सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यवाहियों से डरकर इनमें से और कई दुकानें भी आने वाले समय में बंद होने की संभावना है।
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गुजरात में जहरीली शराब से की तुलना, पुरानी आबकारी नीति का समर्थन
दिल्ली राज्य के आबकारी विभाग के मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जिसप्रकार गुजरात में शराब बंदी के बावजूद जहरीली शराब की आपूर्ति हो रही है और साथ ही उसे पीकर बढ़ी संख्या में लोग अपनी जान से हाथ धो रहे हैं, ऐसी स्थिति हम दिल्ली में नहीं चाहते। उन्होंने दिल्ली में शराब की कमी के बाद जहरीली अवैध शराब का धंधा पनपने की आशंका जाहिर की है और भारतीय जनता पार्टी को पर ऐसा करने का संदेह प्रकट किया है। उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति ही लागू रहेगी।