आधुनिकता के इस दौर में जहां इंटरनेट देश भर की मूलभूत आवश्यकताओं का हिस्सा बन गया है लेकिन देश की राजधानी में एक गाँव ऐसा भी है जो आज भी अँधेरे में है। एक तरफ जहाँ प्रदेश सरकार फ्री बिजली का दावा करती है तो वही दूसरी ओर एक ऐसा गाँव भी है बिजली के तार तक नहीं पहुंचे है।
नरेला विधानसभा क्षेत्र के रजापुर कलां गांव में करीब 200 परिवार निवास करते है जो 21 वी सदी में भी अंधकारमय है। यहाँ आज भी बच्चे रौशनी के चरागों में पढाई करते है। भैरगढ़ के पास के रजापुर कलां में बिजली की सप्लाई नहीं है। गांव के लोग एसडीएम, जिला अधिकारी, पार्षद, विधायक, सांसद तक के दफ्तरों के चक्कर लगा चुके हैं। बिजली विभाग की ओर से भी आश्वासन ही दिया जाता है।
गाँव में ट्रांसफार्मर रखने की नहीं जगह
इस बारें में अधिकारीयों का कहना है कि गांव में ट्रांसफार्मर लगाने की जगह नहीं है। इस वजह से गांव के लोगों को बिजली की सुविधा नहीं हो पाई है। पहले एक जगह ट्रांसफार्मर लगाने के लिए जगह चिन्हित की गई थी, लेकिन गांव के लोगों ने वहां ट्रांसफार्मर लगाने पर आपत्ति जताई थी।
राजधानी दिल्ली के नरेला विधानसभा क्षेत्र के रजापुर कलां में न लाइट की सुविधा न पानी की। यहां पर नेता सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं। pic.twitter.com/v8v6ESbwxS
— Sonu Rana (@Sonurananews) October 22, 2022
इस गाँव में बिजली न होने की वजह से ज्यादातर बच्चे या तो स्कूल नहीं जाते हैं या रात को दीपक की रोशनी में पढ़ते हैं। रात का प्रकाश तो यहां के बच्चों ने जन्म से ही नहीं देखा है। फिर भी बिजली की समस्या ऐसी ही बनी हुई है।
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अँधेरे की वजह से लड़कियों के साथ होती छेड़छाड़
गांव के लोगों ने बताया कि हर दूसरे दिन किसी न किसी बेटी से छेड़छाड़ की जाती है। गलियों में अंधेरा होने की वजह से पता भी नहीं चलता है कि आरोपित कहां से आते हैं और कहां जाते हैं। गांव में नालियां न होने की वजह से कोई शौचालय भी नहीं है, इस वजह से महिलाएं जब शौच के लिए खुले में जाती हैं तो असामाजिक तत्व उन्हें अपना शिकार बनाते हैं।