चीन को रक्षामंत्री की ललकार, तनाव का एकमात्र कारण चीनी सैनिकों का आक्रामक रवैया

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नई दिल्ली। भारत और चीन के सीमा विवाद के बीच भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रुस की राजधानी मास्को में शंघाई सहयोग संगठन बैठक में हिस्सा लेने गए हैं। जहां राजनाथ सिंह के अलावा चीन के रक्षा मंत्री मौजूद थे।

बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन बैठक की अहम बैठक में शिरकत करने के लिए राजनाथ सिंह बुधवार को तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे। यह करीब दो महीनों में उनकी दूसरी रूस यात्रा है। इसी दौरान रक्षा मंत्री ने चीन को भी कड़े शब्दों में चेतावनी दे दी है। राजनाथ ने चीनी समकक्ष वेई फेंघे से कहा है कि पूर्वी लद्दाख में तनाव का एकमात्र कारण चीनी सैनिकों का आक्रामक रवैया है।

राजनाथ सिंह ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे से बातचीत के दौरान साफ शब्दों में कहा कि पूर्वी लद्दाख में जिस तरह के हालात पैदा हुए हैं वह चीनी सैनिकों के आक्रामक व्यवहार और द्विपक्षीय संधियों के उल्लंघन का नतीजा है।

उन्होंने कहा कि चीन के सैनिकों ने सीमा पर बनी यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। राजनाथ सिंह ने सीमा पर चीन की तरफ से बड़ी संख्या में फौजियों को भेजने का मुद्दा भी उठाया। इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को सलाह देते हुए कहा कि अगर उसे भारत के साथ अच्छे संबंध रखने हैं तो सीमा पर शांति और स्थिरता लानी होगी।

चीन को ऐसा व्यवहार करना होगा, जिससे आपसी मतभेद कभी विवाद का रूप न ले सकें। गौरतलब है कि चीन की ओर से जून के बाद 29-30 अगस्त को एक बार फिर भारतीय सीमाओं पर घुसपेठ की कोशिश की गई। हालांकि इस बार भी चीन को मुंह की ही खानी पड़ी। भारतीय सेना ने चीन को उसके मंसूबों में कामयाब होने से रोक दिया और चीनी सेना को पछाड़ दिया।