तन समर्पित-मन समर्पित, राष्ट्र धर्म से बढ़कर कोई धर्म नहीं

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ताकत बहुत है
उबलते हुए जज्बातों में
बन जा बाती और
लौ देशभक्ति की जलाकर रख.

आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष की श्रृंखला में वामा साहित्य मंच ने भी बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया।देश के प्रति अपना सर्वस्व निछावर करने की भावना के साथ एक ऑनलाइन कार्यक्रम रखा गया जिसमें सभी सखियाँ भाग लेने के लिए आतुर थी ।परंतु खासियत यह भी रही कि इंदौर से बाहर रहने वाली सदस्याओं को प्राथमिकता देते हुए उन्हें विशेष मान दिया गया।सभी समय से उपस्थित थे।परंपरा अनुसार वामा अध्यक्ष अमर चड्डा ने सभी का स्वागत किया और देश प्रेम दर्शाता भाषण दिया।सरस्वती वंदना प्रस्तुत की कुसुम मेंढ ने।

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इसके बाद सभी सखियाँ जो देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाली हैं ने जोरदार और जोशीले सुर में अपनी अपनी रचना प्रस्तुत करके वाहवाही बटोर ली।इनमें आरती चित्तौड़ा,मंजुला जोशी, स्वाति मंडलोई,प्रभा मेहता,बकुला पारेख,यशोदा भटनागर, मंजरी निधि, स्वाति सखी जोशी प्रमुख थी।

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उसके बाद बचे हुए समय में चिट उठाकर स्थानीय सदस्याओं को भी मौका मिला।उन सब ने भी इसका भरपूर फ़ायदा उठाया जिनमें निरुपमा त्रिवेदी, हंसा मेहता ,गीता नामदेव,बिंदु मेहता माधवी तारे ,सरला मेहता,सुभद्रा जोशी ,चरुमित्रा नागर अनुपमा गुप्ता विद्यावती पराशर और शिरीन भावसार ने कविता व गद्य के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए और देशभक्ति से पूरे मंच को सराबोर कर दिया। अंत में बेहद मार्मिक कविता के साथ इंदु जी ने आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन किया मिष्ठी अमृतसर ने।राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।