इंदौर: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से एक और शुभ समाचार प्राप्त हो रहा है। सूत्रों की माने तो कल हुई देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद बैठक में मध्य प्रदेश शासन की साहित्य अकादमी के ताजा-ताजा अध्यक्ष बने इंदौर के ही डॉ विकास दवे ने एक प्रस्ताव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर रेणु जैन को प्रेषित किया था।
उन्होंने आग्रह किया था कि विश्वविद्यालय में भारत की प्राचीन विज्ञान परंपरा का गौरव रही भारतीय गणित के विषय को केंद्र में रखकर एक शोध पीठ की स्थापना की जाए। कार्य परिषद के समस्त सदस्यों अनन्त पवार, ओम प्रकाश शर्मा, विश्वास व्यास, मोनिका गौड़, जगदीश जी आदि ने प्रस्ताव का खुले हृदय से समर्थन किया।
विश्वविद्यालय की कुलपति जी ने उदारता पूर्वक इस पीठ की स्थापना हेतु अपनी सहमति भी प्रदान कर दी। ज्ञातव्य है कि डॉ विकास दवे स्वयं विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से विगत 25 वर्षों से जुड़े हैं। उनकी इस पहल पर कुलपति जी द्वारा लिए गए निर्णय हेतु भारत भर के शिक्षा जगत में अत्यंत हर्ष अनुभव किया जा रहा है।
विशेषकर भोपाल का राजभवन तो इस सूचना से प्रसन्न है ही सूत्र बताते हैं कि इस उपलब्धि की सूचना यूजीसी और केंद्र सरकार के मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक तक भी पहुंची है। इंदौर से भोपाल तक और भोपाल से दिल्ली तक डॉक्टर रेणु जैन के इस कदम की भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है।
आने वाले समय में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय वैदिक गणित और प्राचीन भारतीय गणित पद्धतियों सहित भारतीय गणितज्ञों पर शोध कार्य करने वाला अग्रणी विश्वविद्यालय बनेगा। चारों ओर से बधाइयां का दौर जारी है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर ढेरों बधाइयां दिखाई दे रही है।