भोर

Mohit
Published on:

धैर्यशील येवले इंदौर

हो रहा दुआओं
का असर धीरे धीरे
खिल रही होंठो पर
हँसी धीरे धीरे

टूटे रिश्तों की डोर
जुड़ रही धीरे धीरे
झुकी झुकी नज़रे
उठ रही धीरे धीरे

फासले दिलो के
मिट रहे धीरे धीरे
तन्हाइयां पिघल
रही है धीरे धीरे

गोरैया आने लगी
आंगन में धीरे धीरे
गमले में खिलने लगे
फूल धीरे धीरे

ठहरी जिंदगी चलने
लगी धीरे धीरे
सुस्त धड़कने बढ़ने
लगी धीरे धीरे

तमस हो रहा
दूर धीरे धीरे
दे रहे हाथों में हाथ
साथी के धीरे धीरे

मन निर्मल हो
रहा धीरे धीरे
करुणामय हो
रहा धीरे धीरे

आ जाओ मेरे
पास धीरे धीरे
बनाये ये बंधन
अटूट धीरे धीरे

विश्वास दिप जल
रहा धीरे धीरे
जीवन मुस्कुराने
लगा धीरे धीरे