इंदौर DAVV: कोरोना संक्रमण के कारण सभी स्कूल कॉलेज में होने वे गतिविधिया पिछले साल मार्च से बंद हो गयी थी जिस कारण इस साल में प्रमोट हुए विद्यार्थियों के लिए नया सत्र काफी समय बाद शुरू हुआ है और इस कारण इन कक्षाओं की परीक्षाएं भी आगे बढ़ गयी थी। लेकिन विद्यार्थियों की सेहत के लिए शासन काफी सतर्क है, साथ ही देश में कोरोना की वैक्सीन भी आ गयी है जिसके बाद शासन परीक्षा के लिए स्थिति के नियंत्रित होने का इंतजार कर रहा है। बता दे कि उच्च शिक्षा विभाग ने जाहिर कर दिया है कि यूजी-पीजी सभी की परीक्षाएं विधयर्थियो को कॉलेज में आकर ही देनी होगी, जिसके चलते विभाग अब इसी की तैयारी में जुटा हुआ है।
संक्रमण के कारण परीक्षा क संचालन थोड़ा बिगड़ गया था जिसके बाद अब सभी की राय है कि परीक्षाये पहले की तरह ही कराई जाये लेकिन विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, फिलहाल परीक्षा को लेकर कोई नोटिस या जानकरी दी है। हालंकि इस बार विश्वविद्यालयों की परीक्षा अभी महीनेभर या थोड़ा आगे बढ़ सकती है, जानकारी के अनुसार यूजी की वार्षिक और पीजी की सेमेस्टर परीक्षाएं मार्च बाद करवाई जा सकती है। इस बार होने वाली परीक्षाओ के लिए शिक्षा विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी की जा सकती है।
शिक्षा विभाग की और से यह बात उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने ABVP के 53वे प्रांतीय अधिवेशन जो कि रविवार के दिन समंपन्न हुआ है उस दौरान पत्रकारों से कही है, यादव ने कहा है कि “परीक्षाओं के संचालन को लेकर शिक्षाविद् के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाई जा रही है अधिकतर शिक्षकों ने सामान्य परीक्षा पद्धति के आधार पर विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने की बात कही है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते परीक्षा के अलावा विद्यार्थियों को संक्रमण से भी बचाना है, इसलिए शासन काफी विचार-विमर्श कर गाइडलाइन बना रहा है। इस गाइडलाइन को अगले एक सप्ताह में जारी होने की उम्मीद है। साथ ही उन्होंने कहां कि ‘नई शिक्षा नीति को सरकार जल्द् ही प्रदेश में लागू कर सकती है, शैक्षणिक संस्थान, शिक्षाविद्, छात्र संगठन से सुझाव लिए जा रहे है और उनकी मदद से ही नीति का बेहतर ढंग से पालन किया जा सकेगा’