इंदौर। राज्य सरकार ने आज इंदौर के साहित्यिक सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहने वाले इमानदार कहे जाने वाले डॉ विकास दवे को साहित्य अकादमी का डायरेक्टर बनाया है उनकी नियुक्ति संस्कृति विभाग ने की है।
दवे के बारे में कहा जाता है कि वह बेहद अनुशासन प्रिय है। इसके अलावा जब भी उन्हें कोई जवाबदारी मिली तो उन्होंने ईमानदारी के साथ काम किया हिंदी साहित्य में खासा दखल रखने वाले दवे ने कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर भी रहे हैं.
जानिए विकास दवे के बारे में।
डॉ.विकास दवे के पिता का नाम स्व. जीवनलाल दवे था। विकास दवे का जन्म 3 मई 1969 को हुआ। इन्होने स्नातकोत्तर (हिन्दी साहित्य), एम.फिल.(हिन्दीसाहित्य), पी-एच.डी.(बाल पत्रकारिता) की है। इन्होने राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुमोदित, डॉ. मृदुला सिन्हा (महामहिम राज्यपाल, गोआ) द्वारा अभियान के ब्रांड एम्बेसेडर मनोनित। डॉ. विकास दवे केन्द्र सरकार के इस्पात मंत्रालय की केन्द्रीय हिन्दी सलाहकार समिति में सदस्य है। इन्होने 7 वर्षों तक मासिक‘सेवा प्रेरणा’ का सम्पादन, लम्बे समय तक जागृत युगबोध (मासिक), चौथा विश्वास(साप्ताहिक), छात्र -‘युवा दर्पण’ (मासिक)आदि में सम्पादकीय सहयोग दिया।
डॉ. विकास दवे की अब तक ‘कतरा कतरा रोशनी’(काव्य संग्रह), ‘वीर गर्जना’(काव्य संग्रह), ‘जीवन मूल्य आधारित बाल साहित्य लेखन’,‘स्वदेशी चेतना’, ‘गाथा नर्मदा मैया की’ आदि का सम्पादन किया। विकास ने अब तक सामाजिक समरसता के मंत्रदृष्टा: डा.अम्बेडकर, भारत परम वैभव की ओर, शीर्ष पर भारत, एकनाथ रानडे, पंचगव्य चिकित्सा, पौराणिक गोभक्ति कथाएं, आधुनिक युग के, गोभक्तों की कथाएं, गो भक्ति गीत माला, वेद पुराणों में गोमाता, दादाजी खुद बन गए कहानी (बाल कहानी संग्रह), दुनिया सपनों की (बाल कहानी संग्रह), पाती बिटिया के नाम (पत्र संग्रह), कैसा हो मेरा घर, आज़ाद हिंद सरकार, बाल पत्रकारिता और देवपुत्र के संपादकीय लेख:एक विवेचन (लघु शोध प्रबंध), समकालीन हिन्दी बाल पत्रकारिता-एक अनुशीलन (दीर्घ शोध प्रबंध), राष्ट्रीय स्वातंत्र्य समर -1857 से 1947 तक(संस्कृ ति मंत्रालय म.प्र.शासन के लिए), दीर्घ नाटक ‘देश के लिए जीना सीखें’,(म.प्र.हिन्दी साहित्य अकादमी के लिए), लर्न बाय फन ( L.B.F.) की कक्षा 6,7,8 की हिन्दी पाठ्य पुस्तकों में 2-2 रचनाएं सम्मिलित की गई है।
इसके अलावा उनकी 50 से अधिक शोध आलेखों का प्रकाशन हुआ। विकास दवे ने अब तक देवपुत्र, जागृत युगबोध, सेवा प्रेरणा ‘साक्षात्कार पत्रिका’,सुबह सवेरे, चरैवेती, नई दुनिया, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, राजएक्सप्रेस,नवभारत, राष्ट्र्धर्म,पांचजन्य, स्वदेश, महानगर प्लस,बाल साहित्य समीक्षा, हेलो बेबी, आर्गेनाइजर(विकली),युग प्रभात,अर्पण समर्पण, आदि पत्र पत्रिकाओं में 1000 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन किया।
डॉ. विकास दवे विगत 20 वर्षों सें आकाशवाणी से बालकथाओं एंव वार्ताओं के अनेक प्रसारण किये। इन्होने देशभर की प्रतिष्ठित व्याख्यानमालाओं एवं राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में 1500 से अधिक व्याख्यान किया। विकास दवे म.प्र. शासन की पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा समाहित करने हेतु गठित सलाहकार समिति में सदस्य, म.प्र. शासन की पाठ्यक्रम में गीता दर्शन को सम्मिलित करने हेतु गठित सलाहकार समिति में सदस्य, म.प्र. साहित्य अकादमी के पाठक मंच हेतु साहित्य चयन समिति में सदस्य है।
विकास दवे ने बाल साहित्य प्रेरक सम्मान 2005, इन्दौर, स्व. भगवती प्रसाद गुप्ता सम्मान 2007, कानपुर, अ.भा. साहित्य परिषद नई दिल्ली द्वारा सम्मान 2010, राष्ट्रीय पत्रकारिता कल्याण न्यास, दिल्ली सम्मान 2011, स्व. प्रकाश महाजन स्मृति सम्मान 2012, स्व. धर्मचन्द जैन स्मृति सम्मान वर्ष 2012, पं. दीनदयाल उपाध्याय युवा पत्रकारिता सम्मान 2013, सरस्वती शिशु मंदिर पूर्व छात्र परिषद् द्वारा सम्मान 2014, साहित्य परिषद् का शब्द साधक सम्मान 2014, विश्व हिन्दी सम्मान 2015, राजकुमार जैन फाउंडेशन बाल साहित्य सम्मान 2016,बाल साहित्य जीवन गौरव सम्मान 2018,स्व. सरस्वती सिंह स्मृति साहित्य सेवा सम्मान 2019,ओंकारलाल शास्त्री स्मृति सम्मान 2020, संस्कृति भवन साहित्य सेवा सम्मान 2020, स्व.पं. विश्वनाथ मेहता स्मृति श्रेष्ठ पत्रकारिता सम्मान 2020, साहित्य क्रांति अलंकरण 2020 में हासिल किये।