नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण अब एक बार फिर भारतीयों पर नौकरी जाने का संकट मंडराने वाला है। जी हां इस बार ये संकट भारत से दूर कुवैत में रह रहे प्रवासी भारतीयों पर आने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुवैत एक ऐसा कानून लागू करने जा रहा है जिससे वहां काम कर रहे भारतीयों को दोबारा अपने देश लौटना पड़ सकता है। इस कदम से कुवैत अपने देश के बेरोजगारों को मौका देना चाहता है।
दरअसल कुवैत की नेशनल एसेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने प्रवासी कोटा बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है। नेशनल एसेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने तय किया है कि प्रवासी कोटा बिल का मसौदा संवैधानिक है।
ये कानून कुवैत में प्रवासी कामगारों की संख्या सीमित करेगा और इसे आने वाले 6 महीने के भीतर ही लागू कर दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस कानून से कोटा सिस्टम पर छूट दी जाएगी। यह छूट घरों में काम करने वालों, मेडिकल स्टाफ, शिक्षक और जीसीसी के नागरिकों को मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत की कुल आबादी 43 लाख है जिसमें से 30 लाख प्रवासी हैं। और उसमें से भी भारतीय प्रवासियों की संख्या 14.5 लाख हैं।
वहीं इस बिल में बताया गया है कि किसी भी एक देश के प्रवासियों की संख्या कुवैत की आबादी के 15 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
हालांकि अभी यह बिल संबंधित समिति के पास विचार के लिए भेजा जाएगा। जिसके बाद ही वहां रह रहे प्रवासी भारतीयों के लौटने की तस्वीर साफ हो सकेगी। यदि बिल को मंजूरी मिल जाती है तो 15 फीसदी कोटा का मतलब होगा कि भारतीयों की संख्या 6.5 से 7 लाख तक सीमित कर दी जाएगी।