मुश्किल दौर में फंसे क्रिकेटर राशिद खान, अफगानिस्तान में है परिवार

Akanksha
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नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्ज़ा हो ही चुका है इसके साथ ही अब हालात बेकाबू हो गए हैं। मुल्क पर तालिबानियों के कब्जे के बाद अब लोग वहा से किसी भी हाल में बाहर निकलना चाहते है। बता दें कि अफगानिस्तान के बाकि नागरिकों की तरह वहां के स्टार क्रिकेटर राशिद खान के लिए भी ये मुश्किल समय है। राशिद इन दिनों इंग्लैंड में द हंड्रेड में खेल रहे हैं, लेकिन उनका परिवार अफगानिस्तान में फंसा हुआ है। राशिद को अपने परिवार और अफगानी लोगों की चिंता सता रही है।

वहीं राशिद खान ने रविवार को सोशल मीडिया पर शांति की अपील करते हुए अफगानिस्तान का झंडा लगाया था। उन्होंने पिछले महीने अफगानिस्तान के हालात पर कहा था कि एक खिलाड़ी के तौर पर यह आपको बहुत दुखी करता है। बहुत दर्द देता है, इसके बाद भी हम मैदान पर कुछ खास करने की कोशिश कर रहे हैं।

द हंड्रेड में नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स से खेल रहे राशिद खान के साथी समित पटेल ने कहा कि वह हमेशा की तरह खुश नहीं हैं। हमें यह समझ में आता है। अभी यह मामला काफी ताजा है, हालांकि खेल के कारण उसका इस ओर से ध्यान हटता है। उन्होंने कहा कि वह खेल में 100 फीसदी देते हैं। वहीं, इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन ने स्काई स्पोर्ट्स पर कमेंट्री के दौरान कहा कि राशिद खान के घर पर बहुत सारी चीजें हो रही हैं। हमनें इस बारे में लंबी बात की और वह चिंतित है।

पीटरसन ने कहा कि वह अपने परिवार को अफगानिस्तान से बाहर निकालने में सक्षम नहीं है। वहां बहुत कुछ चल रहा है। उन्होंने कहा कि इतने दबाव में इतना अच्छा प्रदर्शन करना, यह दिल छू लेने वाली कहानियों में से एक है। आपको बता दें कि राशिद खान ने द हंड्रेड में शानदार गेंदबाजी की है। उन्होंने 6 मैच खेले हैं और 12 विकेट चटके हैं। वे सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में संयुक्त रूप से टॉप पर चल रहे हैं।

इससे पहले राशिद खान ने दुनिया से मदद की गुहार लगाते हुए ट्वीट किया था, ‘दुनिया के सभी लीडर्स, मेरे मुल्क के हालात बदतर होते जा रहे हैं। हजारों बच्चे, औरतें और आम नागरिकों का खून हो रहा है। घर और सारी संपत्तियों को तबाह किया जा रहा है। हजारों-लाखों परिवार सड़क पर आ गए हैं और पलायन के लिए मजबूर है। अराजकता के इस माहौल में हमें अकेला मत छोड़िए। अफगानियों का कत्लेआम बंद करवाइए। अफगानिस्तान को बर्बाद करना मत होने दीजिए। हम बस अमन और शांति चाहते हैं।’