इंदौर : घर में घुसकर हत्या व डकैती करने वाले पारदी गिरोह के दो सदस्यों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शहाबुद्दीन हाशमी ने दोषी पाते हुए सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख ने बताया कि आरोपी जीवा पिता शंभूसिंह पारदी निवासी ग्राम कनेरा जिला गुना व कालिया उर्फ कालीचरण पिता सागरमल निवासी ग्राम खेजराचक जिला गुना को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 396, 120-बी के तहत आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
इसके अलावा आईपीसी की धारा 412 के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 8 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। इस प्रकरण में शासन की ओर अपर लोक अभियोजक गोकुलसिंह सिसोदिया ने पैरवी की। अभियोजन पक्ष के अनुसार 5 जून 2012 को सरनजीत सिंह छाबडा एवं उनके पति जसबीर सिंह निवासी खातीवाला टैंक के निवास पर यह वारदात हुई थी।
रात्रि 3.30 बजे चार बदमाश उनके बेड रूम में घुस आए और जसबीर सिंह के सिर पर बैट से वार किया जिससे वे बेहोश हो गए। इसके बाद बदमाशों ने सरनजीत के सिर पर वार किया। वे चिल्लाईं तो तो बदमाशों ने चुन्नी से उनके हाथ-पैर बांध दिए। एक बदमाश ने पीठ पर घुटना रख दिया और दूसरे बदमाश ने उनके कान से डायमंड टॉप्स, हाथों में पहने सोने के कड़े और दो अगूठियां निकाल लीं। अलमारी से गहने एवं नकदी निकाल लिए।
इसके बाद बदमाश बाहर निकल गए। तब सरनजीत ने आसपास के लोगों से मदद मांगने के लिए जोरों से चोर-चोर का शोर मचाया। वे बाहर आई तो चारों बदमाश सिल्वर रंग की स्कोडा कार क्रमांक एमपी 2792 में बैठकर भाग गए। इसके बाद जसबीरसिंह को चोइथराम अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की रिपोर्ट थाना जूनी इंदौर पर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था। पूर्व में प्रकरण के अन्य आरोपियों को वर्ष 2013 में सजा हो चुकी है।