पत्नी के हित में अदालत का आदेश ,भरण पोषण और आने-जाने का पैसा देगा पति

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इंदौर 12 अक्टूबर -3 वर्ष पूर्व विवाह कर आरोप से ग्रसित पति पत्नि के तलाक के मामले में कुटुम्ब न्यायालय ने बेरोजगार पति को आदेश दिया है कि वह ढाई साल का बकाया और आगे भी निरंतर 13 हजार प्रतिमाह अंतरिम भरण पोषण सहित कोर्ट आने के लिये 500 रूपये प्रत्येक पेशी सहित 10 हजार रूपये वाद व्यय और पिछला बकाया रूपया 4 लाख रूपये भी अदा करें।

प्रकरण में प्रार्थीनी अपूर्वा के अधिवक्ता के.पी. माहेश्वरी के अनुसार 2018 में कस्टम अनुसार कीमती जेवर एवं रूपया देकर पिता ने उसे रूपेश जैन से ब्याहा था। ससुराल में उसके साथ दुर्व्यवहार कर बेल्ट से मारपीट करते हुए मानसिक प्रताडना व बदसलूकी कर 10 लाख दहेज में लाने की मांग की तो पुलिस में 498-ए भा.द.वि. दहेज प्रताडना व घरेलु हिंसा के केस भी दर्ज हुए।

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कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण ने मेन्टनेंस के मामले में पति रूपेश ने स्वयं को बेरोजगार बताया जबकि पत्नी को सक्षम करार दिया और पूर्व पति से भी 10 लाख लेने के कथन किये स्वयं को माता पिता पर आश्रित होकर कोई आय न होना पति ने बताया किंतु सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित कॉमन शपथपत्र में वह आयकरदाता प्रकट हुआ है उसका पेन नंबर भी होकर उसे बैंक से टर्म लोन और पर्सनल लोन भी मिला हैं

उसकी आय कोर्ट में 4 लाख रूपया आकलन कर पक्षों के जीवन स्तर अनुसार पति को आर्थिक रूप से पूर्ण सक्षम और आयकरदाता ठहराते हुए आवेदन प्रस्तुती दिनांक (मार्च 2019 ) में 13 हजार प्रतिमाह अंतरिम भरण पोषण तथा तलाक के मामले में भी पत्नी को पृथक से 10. हजार कोर्ट खर्च और प्रत्येक पेशी पर 500 रूपये आने जाने का खर्च अदा करने का हुकुम पति रूपेश जैन को दिया है प्रकरण में पत्नी की ओर से पैरवी अधिवक्ता के.पी. माहेश्वरी, प्रतीक माहेश्वरी, पवन तिवारी, सौरभ जैन, अमृता सोनकर एवं सपन सोनकर द्वारा की गई।