गुजरात के गांधीनगर में शुरू हुआ देश का पहला नैनो यूरिया प्लांट, ये है खासियत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुजरात के गांधीनगर में देश के पहले नैनो लिक्विड यूरिया प्लांट का उद्घाटन कर दिया है. उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 8 साल पहले किसानों को यूरिया के लिए लाठियां खाना पड़ती थी और हम पांच बंद पड़े कारखाने खुलवा चुके हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश के पहले नैनो यूरिया लिक्विड प्लांट का उद्घाटन करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. अब यूरिया की एक बोरी की जितनी ताकत है, वह एक बोतल में मिल जाएगी. नैनो यूरिया की आधा लीटर बोतल किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा कर देगी.

इस दौरान पीएम मोदी ने बताया कि 7-8 साल पहले तक हमारे यहां यूरिया खेत में जाने की बजाय कालाबाजारी में दे दिया जाता था. किसानों को अपनी जरूरत पूरी करने के लिए लाठी खानी पड़ती थी और कई बड़ी फैक्ट्रियां नई तकनीकों के अभाव में बंद हो गई. 2014 में सरकार बनने के बाद यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग का काम हमारे द्वारा किया गया और देश के किसानों को पर्याप्त यूरिया गुजरात के गांधीनगर में आज देश के पहले नैनो यूरिया प्लांट की शुरुआत हुई है. इस प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया.मिलना सुनिश्चित किया गया. बिहार, झारखंड, ओडीशा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में 5 बंद पड़े कारखानों को चालू करने का काम भी शुरू किया गया.

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अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानकारी दी कि विदेशों से यूरिया मंगाया जाता है. उसमें 50 किलो का एक बैग 3500 रूपए का मिलता है, लेकिन देश में वह यूरिया किसानों को 300 रूपए में दिया जाता है. यानी कि सरकार 3200 रूपए एक बैग पर खर्च उठाती है.

गांधीनगर में जिस नैनो यूरिया प्लांट की स्थापना की गई है वह 175 करोड़ रुपए में तैयार किया गया है. यहां पर आधा लीटर की 1.5 लाख बोतल प्रतिदिन बनेगी. इस तरह के 8 प्लांट देश के अन्य हिस्सों में लगाए जाने की बात कही जा रही है. नैनो यूरिया प्लांट शुरू होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्लांट आज से चालू हो गया है. मोदी सरकार में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है और गुजरात में सहयोग मॉडल सफल रहा. सहकारी क्षेत्र में शामिल होने के बाद एक अलग विभाग की मांग की जा रही थी. जिसके चलते मोदी सरकार के आने के बाद अलग मंत्रालय का गठन किया गया है.