4 जून को मुंबई उत्तर पश्चिम में मतगणना में कथित गड़बड़ी को लेकर दोनों शिवसेना के बीच विवाद रविवार को और गहरा गया। जब मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि केंद्र की ईवीएम को जीतने वाले उम्मीदवार के रिश्तेदार ने मोबाइल फोन के जरिए एक्सेस किया था। शिवसेना के उम्मीदवार रवींद्र वायकर ने शिवसेना (UBT) के अमोल कीर्तिकर को मात्र 48 वोटों से हराया। जिसके बाद छेड़छाड़ के आरोपों की झड़ी लग गई।
ओटीपी के लिए लिया फोन एक पोलिंग अधिकारी का था
भारत के चुनाव आयोग ने 5 जून को वायकर के साले मंगेश पंडिलकर के खिलाफ गोरेगांव ईस्ट के नेस्को में चुनाव बूथ पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के प्रतिबंधित कृत्य में शामिल होने के लिए शिकायत दर्ज कराई, कथित तौर पर यह फोन एक पोलिंग अधिकारी दिनेश गुरव का था। जो चुनाव आयोग के साथ पोल पोर्टल ऑपरेटर था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना (UBT) ने दावा किया कि फोन ओटीपी के जरिए ईवीएम को अनलॉक कर सकता है।
अमोल कीर्तिकर ने मांगी CCTV फुटेज
अमोल कीर्तिकर, जिन्होंने ईसीआई से संपर्क किया है और चेतावनी दी है कि वे परिणाम को अदालत में चुनौती देंगे, ने मतगणना केंद्र की सीसीटीवी फुटेज भी मांगी और आरोप लगाया कि मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर (RO) जानबूझकर इसे उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। हालांकि, अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने अदालत के आदेश के बिना किसी के साथ फुटेज साझा करने से इनकार कर दिया है।
सूर्यवंशी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और घोषणा की कि ईवीएम को ओटीपी के जरिए मोबाइल द्वारा अनलॉक करने वाली खबरें झूठी थीं। उन्होंने कहा, ईवीएम को मोबाइल द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकता है। हमने उन लोगों और संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है जो गलत जानकारी फैला रहे हैं और भारतीय चुनावी प्रणाली के बारे में संदेह पैदा कर रहे हैं।