परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का सिलसिला जारी, बस एसोसिएशन के अध्यक्ष का आरोप- ‘निर्देशों का नहीं हो रहा पालन’

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इंदौर सरवटे बस एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग में पिछले सात सालों से भ्रष्टाचार चल रहा है। उमेश जोगा, जो 2017 में अपर परिवहन आयुक्त थे, ने अवैध वसूली रोकने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन उनके निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। परिवहन अधिकारियों और गैर-राजनीतिक दलालों के मिलनसार सहयोग से ट्रकों, बसों, और अन्य वाहनों से अवैध वसूली जारी है।

यातायात चौकी पर हर नाके पर 50 से अधिक गुंडे अवैध वसूली में लगे रहते हैं। ये सरगना ट्रकों, बसों और मालवाहक वाहनों से करोड़ों रुपए की अवैध वसूली कर रहे हैं। इस स्थिति से न केवल परिवहन विभाग की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि आम जनता और ट्रांसपोर्टरों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गोविंद शर्मा का आरोप है कि 2017 में परिवहन चौकी पर बाहरी गुंडों द्वारा चल रही अवैध वसूली को तत्काल रोकने के निर्देश दिए गए थे। इन आदेशों का उद्देश्य परिवहन विभाग में पारदर्शिता और ईमानदारी लाना था। लेकिन, स्थानीय क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) और उप संभागीय परिवहन आयुक्त (डीटीओ) ने इन आदेशों का पालन नहीं किया। इनकी मिलीभगत से यह अवैध वसूली बेरोकटोक जारी थी।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कोर कमेटी के अध्यक्ष माले मनप्रीत सिंह ने सरकार को चेताया है कि अगर सरकार 9 जुलाई को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की बैठक से पहले इन सीमा चौकियों को बंद नहीं करती है तो उन्हें मध्य प्रदेश में इन्हें बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा। बैठक 9 जुलाई को होगी। माल परिवहन बंद किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

प्राइम रूट बस मालिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पंडित गोविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री को उमेश जोगा के पत्र की प्रति भेजकर इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने मांग की है कि इस पत्र में उल्लिखित भ्रष्टाचार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। शर्मा ने कहा कि इस पत्र का मतलब है कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है और मध्य प्रदेश सरकार इस पर चुप है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रक संघ और बस संघ अक्सर बयानों और आंदोलनों के माध्यम से भ्रष्टाचार को रोकने की मांग करते रहे हैं।

यदि दो दिनों के भीतर इस आदेश पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो प्राइम रूट बस मालिक संघ ट्रक संघ के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को पूरी स्थिति से अवगत कराएगा। इसके बाद आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।