मध्य प्रदेश के इंदौर में बहुचर्चित नगर निगम के PHE विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच SIT टीम कर रही है। इस बीच इस पूरे मामले का राजनीतिकरण का रूप भी ले लिया है। एक तरफ विपक्ष की पार्टी कांग्रेस लगातार CBI जांच की मांग कर रही है। और एक तरफ BJP के एक पूर्व विधायक ने राज्य सरकार द्वारा गठित SIT पर ही प्रश्न खड़े कर दिए है।
‘BJP विधायक ने किए सवाल’
इस पूरे घोटाले को लेकर इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने भी CM मोहन यादव को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने SIT का भी गठन किया था।
पूर्व BJP विधायक गोपीकृष्ण नेमा का कहना है कि जांच के लिए SIT का गठन किया गया है। हाल ही में इसी SIT के दो अधिकारी ही इंदौर पहुंचे और मामले की जांच की, जबकि PWD विभाग के जिस अधिकारी को जांच के लिए इंदौर पहुंचना था, वह नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में जांच में काफी वक्त लगेगा। यह जांच 3 माह के अंदर पूरी होनी थी, ताकि इस पूरे घोटाले में जो भी शामिल हो, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले।
‘कांग्रेस ने आमरण अनशन के लिए दिया निमंत्रण’
कांग्रेस नेता विवेक खंडेलवाल ने कहा कि यह आमरण अनशन आने वाले गुरुवार या शुक्रवार को किया जा सकता है। प्रदेश कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल, सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ अध्यक्ष गिरीश जोशी ने इंदौर के पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा, महापौर पुष्यमित्र भार्गव को आमरण अनशन के लिए आमंत्रित किया है। पार्टी ने कहा कि इसमें तेजी से शामिल हों ताकि शहर में घोटालों को उजागर करने वालों को बेनकाब किया जा सके। फिलहाल कांग्रेस ने इस उपवास के लिए समय और तारीख तय नहीं की है।
‘मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा की जाहिर’
इंदौर का नागरिक होने के नाते मैं आहत हूं। इस घोटाले के बाद इंदौर का हर नागरिक आहत है। ऐसे में घोटालेबाजों को सजा मिलेगी, तभी इंदौर को न्याय मिलेगा। इसके साथ ही गोपीकृष्ण ने घोटाला करने वाली कंपनी की शुरू से जांच कराने की भी मांग की है। गोपीकृष्ण ने कहा कि इस मामले को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। क्योंकि मैं स्वयं राजनीति नहीं चाहता।
साथ ही SIT टीम को इंदौर में रहकर इस पूरे मामले की जांच करनी चाहिए। जिस पर हमारी भी नजर रहेगी। गोपीकृष्ण नेमा ने यह भी कहा है कि वह इस पूरे मामले को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलेंगे।