नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना कोहराम मचा रहा है। वहीं पाकिस्तान में इसके नियंत्रण को लेकर पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन में पाकिस्तान की तारीफ करते हुए कहा कि इस वक्त पूरी दुनिया को पाकिस्तान से सीखने की जरूरत है। WHO के प्रमुख ने अपने एक बयान में कोरोना से जंग में पाकिस्तान सरकार की रणनीतियों का समर्थन किया, जहां कोविड-19 से निपटने के लिए वर्षों पहले बनाए गए पोलियो के बुनियादी ढांचे का ही सहारा लिया गया है।
उन्होंने घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की वैक्सीन देने वाले पाकिस्तान के कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर्स की भी जमकर सराहना की। पाकिस्तान में इसका इस्तेमाल सर्विलांस, संपर्क में आए लोगों की जांच और केयर के लिए किया गया। इसका परिणाम ये हुआ कि देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी से गिरावट आई।
कोरोना वायरस से मुकाबला में कई देशों को इसलिए भी कामयाबी मिली है, क्योंकि इनमें से कई देश SARS, MERS, खसरा, पोलिया, इबोला, फ्लू समेत कई तरह की बीमारियों से निपटने में पहले ही माहिर थे। WHO प्रमुख ने वायरस से निपटने में कामयाब पाकिस्तान के अलावा थाईलैंड, कम्बोडिया, जापान, न्यूजीलैंड, दि रिपब्लिक ऑफ कोरिया, रवांडा, सेनेगल, इटली, स्पेन और वियतनाम जैसे देशों की भी प्रशंसा की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पूर्व स्पेशल असिस्टेंट डॉ. जफर मिर्जा ने भी अधनोम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि WHO के डायरेक्टर जनरल ने पाकिस्तान को उन 7 देशों में गिना है, जिनसे पूरी दुनिया को भविष्य में कोरोना से लड़ने की सीख लेनी चाहिए।’
गौरतलब है कि पाकिस्तान चीन का करीबी दोस्त रहा है। महामारी की शुरुआत से ही उसने पाकिस्तान को भरपूर मदद पहुंचाई। जब कोरोना महामारी को लेकर चीन दुनिया भर में आलोचना झेल रहा था तो पाकिस्तान भी उसके समर्थन में मजबूती से खड़ा था।
पाकिस्तान और कंबोडिया दो ऐसे देश थे जिन्होंने चीन के साथ जरूरत के वक्त में एकजुटता दिखाने के लिए वुहान से अपने नागरिकों को वापस नहीं बुलाया। पाकिस्तान ने अपनी संसद में फरवरी महीने में चीन के समर्थन में एक प्रस्ताव भी पास किया। दूसरी तरफ, चीन का बेल्ट ऐंड रोड परियोजना के तहत चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर में भारी भरकम निवेश है।