महाराष्ट्र में एक बार फिर पैर पसार रहा कोरोना, मंत्री छगन भुजबल आये चपेट में

Akanksha
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नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर देश के कई राज्यों में एक बार फिर पैर पसारने लगा है। ऐसे में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के साथ केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में कोरोना के नए केस बढ़ गए हैं। इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र सरकार में खाद्य मंत्री छगन भुजबल भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।

भुजबल ने कहा है कि, वे अभी ठीक है, लेकिन चिंता वाली बात यह है कि भुजबल ने बीती रात एक शाही समारोह में हिस्सा लिया था और वहां उनके साथ एनसीपी मुखिया शरद पवार भी थे। भुजबल ने कहा है कि जो लोग भी बीते 2 दिनों में उनके सम्पर्क में आए हैं, वे अपनी जांच करवा लें।

वहीं ऐम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि महाराष्ट्र में पाए गए कोरोनो वायरस के नए लक्षण अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकते हैं। कोरोनो वायरस के लिए हर्ड इम्युनिटी एक “मिथक” है क्योंकि पूरी आबादी की रक्षा के लिए कम से कम कम से कम 80 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज होना जरूरी है। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना का नया स्ट्रेन उन लोगों में भी पुन: संक्रमण का कारण बन सकता है जिन्होंने वायरस के लिए एंटी-बॉडी विकसित की है। इसलिए सभी को पूरी तरह से अलर्ट रहने और तमाम नियमों का पालन करना जरूरी है।

आपको बता दे कि, महाराष्ट्र में सोमवार (आज) से भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही कई जिलों में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद करने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगले आठ दिन तय करेंगे कि क्या राज्य में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। अमरावती जिले में सोमवार से एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा भी दिया गया है। संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को आरटी-पीसीआर टेस्ट में तेजी लाने को कहा है।

उद्धव ठाकरे ने राज्य के लोगों के नाम जारी वीडियो संदेश में कहा कि, “क्या आप लॉकडाउन चाहते हैं। अगले आठ दिनों में तय होगा। राज्य में आज करीब सात हजार नए केस मिले हैं। अगर कोरोना के हालात गंभीर होते हैं तो हमें राज्य में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। जो लोग लॉकडाउन चाहते हैं वो बिना मास्क के आराम से बाहर घूम सकते हैं और जो लोग नहीं चाहते हैं वो मास्क पहनें और नियमों का पालन करें।” उन्होंने कहा कि राज्य में राजनीतिक धरना प्रदर्शनों, रैलियों, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर कुछ दिनों के लिए रोक रहेगी, क्योंकि इनमें भीड़ ज्यादा होती है।