कोरोना का कहर: मणिपुर में लगाया 10 दिन का कर्फ्यू, इन चीजों में मिलेगी छूट

Akanksha
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नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साथ हमारी लड़ाई अभी भी जारी है। वहीं अब दूसरी लहर के बाद देश में तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। जिसके चलते केंद्र से लेकर राज्य सरकार सभी सतर्क हो गए है वहीं अब मणिपुर सरकार ने 10 दिन के पूर्ण कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। मणिपुर सरकार ने तीसरी लहर की आशंका के चलते चिंता व्यक्त की है। आपको बता दें कि, मणिपुर में आगामी 18 जुलाई से पूर्ण कर्फ्यू लगाया जा रहा हैं। राज्य में डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने 10 दिन का पूर्ण कर्फ्यू लगाया है।

वहीं तीसरी लहर को लेकर जो खतरा बताया जा रहा है, ऐसे में इसकी दस्तक से पहले इस तरह कठिन नियम लागू करने वाला मणिपुर पहला राज्य भी बन गया है। मणिपुर हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, मणिपुर में डेल्टा वैरिएंट का फैलना चिंता का विषय है। ऐसे में चेन को ब्रेक करने के लिए सख्त कदम की ज़रूरत है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार 10 दिन का सख्त कर्फ्यू लगा रही है।

सरकार के मुताबिक, इस दौरान सिर्फ जरूरी कामकाज की इजाजत होगी। इनमें वैक्सीनेशन, कोविड टेस्टिंग, मेडिकल सर्विस, वाटर सप्लाई, पावर सप्लाई, इंटरनेट सर्विस, खेती और एयर ट्रैवल सर्विस जारी रहेंगी। बता दें कि ये बिल्कुल वैसा ही है, जैसा पूर्ण लॉकडाउन के दौरान हुआ था। मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह के मुताबिक, जरूरी संस्थानों के अलावा बाकी सभी तरह के संस्थान पूरी तरह बंद रखे जाएंगे. ये कर्फ्यू 18 से 28 जुलाई तक रहेगा। गौरतलब है कि मणिपुर में कोरोना महामारी के मामलों ने पिछले कुछ दिनों में उफान पर है। जिसके चलते बीते दिन गुरुवार को ही यहां पर कुल 1039 नए केस सामने आए थे, जबकि 14 लोगों की मौत हुई है। मणिपुर में इस वक्त कुल एक्टिव केस की संख्या 8 हज़ार से अधिक हो गई है।

हाल ही में पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। बैठक में इन राज्यों में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर बातचीत भी हुई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से RT-PCR टेस्टिंग, कंटेनमेंट ज़ोन बनाने पर फोकस करने को कहा था। आपको बता दें कि, मणिपुर के अलावा नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में पिछले कुछ दिनों में एक्टिव केस की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। वहीं मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल, मेघालय में चार-चार हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं।