SMS से रोका जा सकता है 98 % कोरोना

Shivani Rathore
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इंदौर : जिले में कोरोना की संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार परिलक्षित हो रहा है। धीरे-धीरे जिले में आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ हो रही है। ऐसे वक्त में जब आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ हो रही है और आवाजाही नागरिकों की बढ़ रहीं है ऐसे वक्त में विशेष सावधानियां और सतर्कता बरतने की जरूरत है। नागरिकों को इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन द्वारा सलाह दी गई है कि वे एसएमएस का पालन करें। एसएमएस का मतलब सोशल डिस्टेसिंग, मास्क और सेनेटाईजर के उपयोग से है। बताया गया कि इन तीनों को अपनाने से 98 प्रतिशत तक कोरोना को रोका जा सकता है।

इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन इंदौर के अध्यक्ष डॉ. सतीश जोशी ने बताया कि जिले में अब अनलॉक होने से ज्यादा सावधानियां रखना होंगी। असावधानियां बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। डॉ. जोशी ने बताया कि कोरोना संक्रमण नहीं फैले, नागरिक जागरूक रहे। इसके लिये इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा गाइड लाइन तैयार की गई है। जिले के नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे उपयुक्त व्यवहार को अपनाएं। सतर्कता रखें। एहतियाती उपाये करें। रोकथाम इलाज से बेहतर है क्योंकि कोविड में भी हमें इसका पालन करना चाहिए।

दो मीटर की सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करें, यह कोविड को 80 प्रतिशत तक रोकता है। बाजार में कार्यालयों, दुकानें सार्वजनिक स्थान पर मास्क का प्रयोग करें और मास्क का उचित रखरखाव करें। इससे कोविड को 85 प्रतिशत तक रोका जा सकता है। मास्क को सामने से न छुएं, केवल डोरी के द्वारा निकालें मॉस्क को छूने से पहले हाथ धोएं या रगड़ें। हैंड वॉश या हैंड रब से हाथ धोने से कोविड को 30-40 प्रतिशत तक रोक सकते है। किसी भी सतह या वस्तु को छूने से पहले हैंड वॉश या हैंड रब करें। चेहरे या शरीर को छूने से पहले हैंड वॉश या हैंड रब करें।

तीनों सावधानियों (एसएमएस) का अगर सही तरीके से पालन किया जाए तो कोविड को 98 प्रतिशत तक रोका जा सकता है। समारोहों, पार्टियों, पूजन, या किसी भी अवसर जैसे मित्रों या परिवारों की इनडोर बैठकों को ना कहें और ना जाये | सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित होने से बचें 18 वर्ष से अधिक आयु होने पर होने पर टीकाकरण करवाये। टीकाकरण से कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकता है। संक्रमित होने पर रोग की गंभीरता को कम कर सकते हैं।