सहकारिता मंत्री की NDDB को सलाह कोऑपरेटिवों को केंद्र में रख भारत को “विश्व की डेरी” के रूप में करें स्थापित

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नई दिल्ली। अमित शाह, गृह और सहकारिता मंत्री, भारत सरकार ने भारतीय डेरी क्षेत्र में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पहल की सराहना की और डेरी बोर्ड से सहकारी डेरियों को और मजबूत करने और जिन पंचायतों/गांवों में डेरी उद्योग की क्षमता है वहां डेरी सहकारी समितियों का गठन करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को कहा।

मंत्री ने बहु-वस्तु सहकारी समितियों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और कहा कि सहकारी समितियों के उत्पादन के निर्यात के लिए एक ब्रांड होना चाहिए, जैविक उत्पाद को बढ़ावा देना चाहिए, सहकारी समितियों के बीच सहयोग से दुग्ध प्रसंस्करण सुविधाओं का बेहतर उपयोग होना चाहिए, डेरी मशीनरी के निर्माण में आत्मनिर्भरता लाना होगा और एनडीडीबी की सहायक कंपनी आईडीएमसी लिमिटेड के माध्यम से स्वदेशी डेरी उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देना होगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि एनडीडीबी की सहायक कंपनियों को इन लक्ष्यों को हासिल करने में अग्रणी और महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत, सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार, संयुक्त सचिव पंकज कुमार बंसल और एनडीडीबी निदेशक मंडल की सदस्य वर्षा जोशी, अतिरिक्त सचिव (डेरी विकास), पशुपालन विभाग, भारत सरकार, शामलभाई बालाभाई पटेल, अध्यक्ष, गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड, शर्मा, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड, डॉ. एन.एच. केलावाला, कुलपति, कामधेनु विश्वविद्याल की उपस्थिति में किया।

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सहकारिता मंत्री ने पड़ोसी देशों और अफ्रीकी देशों में डेरी को मजबूत करने के लिए एनडीडीबी की पहल को भी सराहा और कहा कि किसानों की आय को और बढ़ाने के लिए भारत को गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पादों के निर्यात के माध्यम से “विश्व की डेरी” बनने की जरूरत है। इससे माननीय प्रधानमंत्री के “वसुधैव कुटुम्बकम” के लक्ष्य को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

एनडीडीबी चेयरमैन ने मंत्री को भारत के डेरी परिदृश्य के बारे में अवगत कराया। एनडीडीबी “किसान सर्वप्रथम” की दृष्टि से अपने सभी योजनाओं का क्रियान्वयन सहकारिता की रणनीति के तहत कर रही है। किसानो द्वारा पशुपालन की वैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर, एनडीडीबी की आनुषंगी संस्थाओं ने भी डेरी सहकारिताओं को मजबूत कर, करोड़ो किसानों की आजीविका को सुदृढ़ कर एनडीडीबी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाया है। एनडीडीबी के चेयरमैन और बोर्ड के सदस्यों ने मंत्री महोदय को उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया और डेरी क्षेत्र के विकास हेतु पूर्ण सहयोग के लिए उन्हे आश्वासन दिया।

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बारे में
राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) मत्स्य पालन, पशुपालन और डेरी मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक सांविधिक निकाय है। इसकी स्थापना 1965 में की गयी थी जिसका उदेश्य अपनी सहायक कंपनियों – मदर डेरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, आईडीएमसी लिमिटेड, एनडीडीबी डेरी सर्विसेज, एनडीडीबी मृदा लिमिटेड और एनडीडीबी काफ लिमिटेड, की मदद से देश में डेरी क्षेत्र की उन्नति, वित्त पोषण और विकास को समर्थन प्रदान करना था I