‘बढ़ेगी सुविधा – घटेगी परेशानी’ – विपिन नीमा

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विपिन नीमा,

इंदौर। शहर में जिस तरह वाहनों की संख्या बढ़ रही है उसको देखते हुए शहर की लगभग सभी प्रमुख सड़कें पहले से ज्यादा व्यस्त हो गयी हैं। सड़कों पर गाड़िया दौड़ने के कारण पैदल चलनेवाले लोगों को रोड पार करने के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है । वहीं जल्दबाजी के चक्कर में कई बार लोग एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं। लोगों को इस तरह की समस्याओं से बचाने के लिए शहर में फूट ओवर ब्रिज का होना बहुत जरुरी है। पैदल यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम ने 10 प्रमुख स्थानों पर फुटओवर ब्रिज बनाने का प्लान तैयार किया है। हालांकि यह प्रोजेक्ट कागजो पर है। प्लान के मुताबिक पीपीपी मॉडल पर बनाये जाएंगे। टेंडर के माध्यम से कम्पनियो बुलाया जाएगा। जो कम्पनी ब्रिज बनाएंगी उसे ही ब्रिज के दोनों तरफ विज्ञापन के अधिकार होंगे।

महापौर का सपना है, इंदौर ट्रेफिक में भी नंबर वन बने

जिस तरह से इंदौर मुख्यमंत्री के सपनो का शहर है। उसी प्रकार महापौर पुष्यमित्र भार्गव का भी सपना है की इंदौर स्वच्छता की तरह ट्रेफिक में भी नंबर वन बने। वे पहले दिन से ही शहर की ट्रेफिक व्यवस्था पर जोर दे रहे है । प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए निगम टेंडर प्रक्रिया शुरू कर रहा है। महापौर का मानना है की फुट ओवर ब्रिज ट्रेफिक व्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है जो जनता से जुड़ा हुआ है। हाल में हुए बजट सम्मेलन में महापौर ने अपने सालाना बजट में पैदल यात्रियों की सुरक्षा हेतु फुट ओवर ब्रिज के लिए प्रावधान रखा है। निगम ने जो स्थान चिन्हित किए है, उन स्थानों को महापौर ने हरी झंडी दे दी है ।

बढ़ते शहर में जरुरी है फुट ओवर ब्रिज

शहर में फूट ओवर ब्रिज नहीं होने के कारण सड़क पार करते वक्त हादसे का शिकार हो जाते है। वाहनों की रफ्तार, नशे में ड्राईविंग, हादसों के प्रमुख कारण है। कई बार रोड पर अंधेरा होने कारण सामने से लाइट लगने पर वाहन चालक को पैदल यात्री दिखाई नहीं देते और दुर्घटना हो जाती है। टैफिक विशेषज्ञ का मानना है की इंदौर जैसे बढ़ते शहर में फुट ओवर ब्रिज का होना जरुरी है। इस व्यवस्था से फायदे ज्यादा और नुकसान कम है। सबसे बड़ा फायदा यह है की पैदल यात्रियों को रोड पार करते समय ट्रेफिक में घुसना नहीं पड़ेगा, वाहनों का जाम भी नहीं लगेगा और दुर्घटनाओं में कमी भी आएंगी। इसलिए 40 लाख की आबादी वाले इंदौर शहर में फूट ओव्हर ब्रिज होना बेहद जरुरी है।

ब्रिज के लिए टेंडर, प्रक्रिया जल्द शुरु होंगी

शहर में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से सबक लेकर नगर निगम ने क्या किया? काम शुरू कर दिया है। निगम के वरिष्ठ इंजीनियर अनूप गोयल ने बताया की फूट ओवर ब्रिज प्रोजेक्ट के लिए शहर के 10 प्रमुख स्थानों का चयन कर लिया गया है। इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है। ब्रिज के लिए वे स्थान चुने गए है जहां पर ट्रैफिक के दबाव के साथ साथ पैदल चलने वाले लोगों को रोड क्रॉस करने में परेशानी आती है। फुट ओवर ब्रिज का निर्माण पीपीपी मॉडल पर किया जाएंगा। जो भी कम्पनियां शहर में ब्रिज का निर्माण करेंगी उन्हीं के पास विज्ञापन के भी अधिकार रहेंगे। फुट ओवर ब्रिज पर पैदल चलने वालों को एस्केलेटर और एलीवेटर की सुविधा मिलेगी या नहीं ठेकेदार कम्पनी पर निर्भर करेंगा।

शहर में केवल तीन फूट ओवर ब्रिज, फिर भी उपयोग कम

शहर में केवल तीन फुट ओवर ब्रिज बने हुए है । ये तीनो ब्रिज ट्रेजर आइलेंड (टीआई) 56 दुकान तथा कलेक्टोरेट पर है। हालांकि टीआई वाले ब्रिज पर एस्केलेटर लगा हुआ है जबकि कलेक्टोरेट और 56 दुकान वाले ब्रिज पर उतरने व चढ़ने के लिए न तो लिफ्ट है और न ही एस्केलेटर है। ऐसे कई पैदल यात्री आते जाते है जिन्हें सिढ़ियों पर चढ़ने – उतरने में परेशानी होती है। इस कारण इन दोनों ब्रिज का उपयोग बहुत कम होता है। शहर में बनने वाले 10 नए ब्रिज पर क्या व्यवस्था रहेगी ये प्रोजेक्ट की डीपीआर बनने पर पता चलेगा।

ब्रिज के लिए चिन्हित किए गए ये स्थान

▪️तीन इमली पलाय ओवर के दोनों तरफ

▪️ ओल्ड जीडीसी

▪️ एमवाय हॉस्पिटल के सामने

▪️आरएनटी मार्ग विधि के सामने,

▪️ टावर चौराहा से भवरकुआ चौराहा के बीच

▪️ रणजीत हनुमान मंदिर के पास ग्रेटर कैलाश मार्ग,

▪️ अन्नपूर्णा मंदिर के पास,

▪️ रिंग रोड पर बंगाली चौराहा से पीपल्याहाना चौराहा के बीच

▪️आइटी पार्क चौराहा से राजीव गांधी चौराहा के पहले