गांधीनगर। गुजरात की राजनीति में कुछ दिनों घमासान छिड़ा हुआ है। एक ओर जहां रातों-रात प्रदेश के सीएम को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। वहीं दूसरी तरफ अब मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण टल गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, जो बैनर लगाए गए थे उनको फाड़कर उतार दिया गया। गुजरात के नए सीएम भूपेंद्र पटेल का शपथ ग्रहण पहले ही हो चुका है। गौरतलब है कि, आज उनके मंत्रिमंडल का शपथग्रहण होना था लेकिन अब कल यानी गुरुवार को 1.30 बजे शपथ ग्रहण होगा।
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मिली जानकारी के मुताबिक, मंत्री मंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल की बात सामने आई थी, जिसपर विवाद हो गया। साथ ही भूपेंद्र पटेल करीब 90 फीसदी मंत्रियों को बदलना चाहते थे। ऐसे में 2-3 चेहरे ही रिपीट होते, मतलब जिनको दोबारा मंत्री बनाया जाता। मंत्री पद से हाथ होने की आशंका के बीच कुछ बीजेपी विधायक पूर्व सीएम विजय रुपाणी के घर जाकर उनसे मिले भी थे। साथ ही बता दें कि, भूपेंद्र पटेल सरकार की नई कैबिनेट (Gujarat new cabinet) में 21 से 22 मंत्रियों को बुधवार को मंत्री पद की शपथ दिलाई जानी थी।
इस दौरान मंत्रिमंडल में नए चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी और महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में कई पुराने और दिग्गज नेताओं की कैबिनेट से छुट्टी भी होगी। जातीय समीकरण को बिठाने के साथ साफ-सुथरी छवि के नेताओं को मंत्रिमंडल में खास तवज्जो दिए जाने की रणनीति है। बता दें कि, मंत्रिमंडल में बदलाव से पहले ही कुछ विधायक पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के आवास पर पहुंच गए थे।
मिली जानकारी के मुताबिक, ईश्वर पटेल, ईश्वर परमार, बचु खाबड़, वासण आहीर, योगेश पटेल पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के आवास पर पहुंचे थे। माना जा रहा है की मंत्री ना बनाए जाने की वजह से नाराज विधायक उनसे मिलने पहुंचे। साथ ही अब पूर्व सीएम विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन पटेल, भूपेंद्र सिंह चुडास्मा, आरसी फाल्दू और कौशिक पटेल के सियासी भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
इसके साथ ही भूपेंद्र पटेल के सीएम बनने से डिप्टी सीएम नितिन पटेल की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। इसके पीछे की वजह भूपेंद्र पटेल और नितिन पटेल दोनों पाटीदार समुदाय से हैं। सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ही पद पर एक ही समाज को देने की संभावना कम है।