महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी अजमल कसाब ने पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या नहीं की थी बल्कि आरएसएस से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने की थी और उज्जवल निकम गद्दार थे जिन्होंने इस तथ्य को छुपाया। उज्जवल निकम 26/11 मामले में सरकार के वकील थे और लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
वडेट्टीवार ने कहा, 26/11 के दौरान, हेमंत करकरे को कसाब ने गोली नहीं मारी थी। आरएसएस के निर्देश पर एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें गोली मारी थी। लोक अभियोजक वकील उज्ज्वल निकम को यह पता था, फिर भी उन्होंने इस तथ्य को छिपाना चुना।
जैसे ही उनकी टिप्पणियों की आलोचना हुई, वडेट्टीवार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने हेमंत करकरे की मौत के बारे में जो कहा वह सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी एसएम मुश्रीफ की हू किल्ड करकरे नाम की किताब में लिखा था। कांग्रेस नेता ने कहा, आज की राजनीति में कोई नैतिकता नहीं है। जो लोग सत्ता के लिए राजनीति में हैं, वे देश को बेच देंगे।ष्हेमंत करकरे मुंबई एटीएस के प्रमुख थे और 2008 के मुंबई हमलों के दौरान मारे गए थे। 2009 में उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र दिया गया।
बीजेपी ने वडेट्टीवार पर जमकर निशाना साधा और कांग्रेस पर 26/11 पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया. चौंकाने वाला और अविश्वसनीय… कोई आश्चर्य नहीं कि पाकिस्तान कांग्रेस और राहुल के लिए प्रार्थना कर रहा है। कांग्रेस फिर से वोटबैंक राजनीति को राष्ट्रनीति से ऊपर रख रही है। बटला, अफजल, याकूब, नक्सलियों के लिए रोने और उन्हें शहीद बताने के बाद अब उज्जवल निकम जैसे देशभक्तों पर संदेह कर रही है और उन्हें क्लीन चिट दे रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बयान की निंदा की, जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि भाजपा ने उज्ज्वल निकम और कांग्रेस ने कसाब के साथ हाथ मिलाया है। एकनाथ शिंदे की पार्टी शिव सेना में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि 2008 में जब आतंकी हमला हुआ था तब वह सांसद थे। यह एक बहुत ही शर्मनाक बयान है…जब हमला हुआ तब मैं दक्षिण मुंबई का सांसद था। मैंने दर्द देखा।