नई दिल्ली। रविवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रदूषण की समस्या पर बात करते हुए कहा कि इसे एक दिन में हल नहीं किया जा सकता है। प्रदूषण फैलाने वाले हर कारक से निपटने के लिए लगातार प्रयास की जरूरत है। बता दे कि, जावड़ेकर ने फेसबुक लाइव कार्यक्रम के जरिए लोगों से संवाद करते हुए कहा कि देश में वायु प्रदूषण के पीछे प्रमुख कारक यातायात, उद्योग, अपशिष्ट, धूल, पराली, भूगोल एवं मौसमी दशाएं हैं।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, उत्तर भारत में वायु प्रदूषण में धूल बड़ा कारक है। उत्तर भारत में मृदा का प्रकार कछारी है। इस वजह से काफी धूल रहती है जो क्षेत्र में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि, इससे निपटने के लिए धूल मारक और पानी का छिड़काव किया जाता है। हम कच्ची सड़कों को बंद करने के लिए सभी एजेंसियों, सरकारों (राज्य) और निगमों से कह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि, प्रदूषण की समस्या एक दिन में हल नहीं की जा सकती है। प्रत्येक कारक से निपटने के लिए सतत प्रयास की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि, राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से निपटना सिर्फ नगर निगमों और नगर सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि, वायु का क्षेत्र बहुत बड़ा है जिसमें राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के हिस्से शामिल हैं। सालभर में कई बैठकें करने के बाद, हमने लघु अवधि, मध्यम अवधि और दीर्घ अवधि योजनाएं बनाई हैं और प्रगति की समीक्षा की है। मंत्री ने बताया कि, अगले तीन-चार साल में वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए भारत के अन्य 100 शहरों में भी यही दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, ई-वाहन लोकप्रिय हो रहे हैं एवं भारत में फिलहाल दो लाख ई-वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उनमें से करीब 70,000 गाड़ियों पर सरकार ने सब्सिडी दी है। मैं खुद ई-वाहन का इस्तेमाल करता हूं। ई-कार किफायती है और व्यक्ति 70-80 पैसे में एक किलोमीटर की यात्रा कर सकता है।