जिला कोर्ट की भूमि बेचने का षड्यंत्र

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स्मार्ट सिटी प्लान में जिला कोर्ट पर कमर्शियल प्रोजेक्ट और मोती बंगला (कमिश्नर कार्यालय) में म्यूज़ियम प्रस्तावित किया गया है। नई कोर्ट की प्रस्तावना के समय तय किया गया था कि वर्तमान जिला कोर्ट और उसकी भूमि का उपयोग केवल न्यायिक कार्यों में ही किया जायेगा। इंदौर के अभिभाषक वर्षों से सेल्स टैक्स (GST) कार्यालय (जिला कोर्ट की भूमि पर बना) एवं कमिश्नर कार्यालय (मोती बंगला) व उसकी भूमि जिला कोर्ट हेतु प्रदान करने की मांग करते रहे हैं।

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कई बार ज्ञापन दिये पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व गृह एवं विधि मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्र से भी मिलकर व ज्ञापन देकर यही मांग की गई थी परन्तु शासन ने यह महत्वपूर्ण मांग नहीं मानी और इसके उलट जिला कोर्ट को बेचने की प्लानिंग की जा रही है।आगामी 20 वर्षो में इंदौर की आबादी 1 करोड़ हो जायेगी,ऐसे में न्यायालयों के विस्तार की आवश्यक्ता होगी।शहर के मध्य स्थित जिला न्यायालय को कमर्शियल प्रोजेक्ट बनाकर बेचा जाना शहर व न्याय जगत के साथ सरासर अन्याय होगा।प्रशासन के इस षड्यंत्र का घोर विरोध करते हैं।