किसानों की समस्या को लेकर कांग्रेस ने लिखा CM को पत्र, कीमतें वापस लेने की कही बात

Rishabh
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PM kisan yojnaa

भोपाल 13 मई 2021। कोरोना महामारी के संकट से गुजर रहे मध्य प्रदेश में किसानों की समस्या को लेकर कांग्रेस ने आवाज उठाई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष, मीडिया प्रभारी व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर किसानों की समस्या से राज्य सरकार को अवगत करवाया है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में खाद की कीमतों में की गई वृद्धि को वापस लेने की बात लिखी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा कि आपकी सरकार हमेशा किसान कल्याण की बात कहती रही है लेकिन हकीकत यह है कि आपके वादे सिर्फ घोषणाओं तक ही सीमित रहते है। यही कारण है कि कोरोना और पेट्रोल-डीजल के दामों से जूझ रहे प्रदेश में पहले से परेशान किसान अब मंहगाई की मार भी झेलने को मजबूर है।

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संबोधित करते हुए कहा कि कथनी और करनी का भेद कैसा और कितना होता है इसका प्रमाण आप अनेक अवसरों पर दे चुके है। चिंता का नया दायरा इसलिए अधिक पीड़ादायी है, क्योंकि अब मेहनतकश किसान को निशाना बनाया जा रहा है। जीतू पटवारी लिखा कि पहले से ही मंहगाई की मार झेल रहे किसान पर आपने खाद की कीमतों में आश्चर्यजनक रूप वृद्धि कर एक और बोझ डाल दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी आप एक बार गंभीरता से किसानों की आर्थिक स्थिति को देखेंगे तो बड़ी आसानी से समझ आ जाएगा कि मध्य प्रदेश में कर्ज की मार से परेशान किसान क्यों मौत को गले लगाने को मजबूर है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जीतू पटवारी ने डीएपी के मूल्य में 1200 से सीधे 1900 और एनपीके में 1200 से सीधे 1900 की वृद्धि किए जाने को सरकार का न्यायोचित कदम नहीं माना है। जीतू पटवारी ने कहा कि मंहगाई से जूझ रहे किसान पर खाद में सीधे 700 रूपए की वृद्धि क्या न्यायोचित है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का पीड़ित, प्रताड़ित और शोषित किसान किसी भी स्थिति में यह बढ़ी हुई राशि देने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा। जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार का यह किसान विरोधी निर्णय किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने मुख्यमंत्री से माँग करते हुए खाद की कीमतों में की गई वृद्धि को तत्काल वापस लेने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने इस किसान विरोधी निर्णय को वापस नहीं लेती तो वह मुख्यमंत्री निवास पर धरना देने के लिए विवश होना पड़ेगा और यह धरना मात्र शुरूआत होगी इसके बाद कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगी।