नई दिल्ली। कृषि कानूनों और केंद्र सरकार के मुद्दों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, सुनवाई में कोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर जैम कर फटकार लगाई। साथ ही कहा कि, आप कानून पर रोक लगाएं नहीं तो हम लगा देंगे। वही अब इसको लेकर विपक्ष ने कहा कि, ऐसा 73 साल में सरकार के साथ नहीं हुआ होगा। वही सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर कई विपक्षी नेताओं से बातचीत की ताकि संयुक्त कार्रवाई की जा सके।
सूत्रों ने ये भी बताया कि विपक्षी दल संसद सत्र शुरू होने से पहले मुलाकात कर सकते हैं।
साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, आज सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि आपसे नहीं होता तो हम कानून पर रोक लगा देते हैं। ऐसा 73 सालों में किसी सरकार के साथ नहीं हुआ होगा। प्रवक्ता ने कहा कि, “पीएम को देश और किसानों से माफी मांगनी चाहिए और तीनों कानूनों को रद्द करने का एलान करना चाहिए। देश के किसानों को इससे कम कुछ नहीं चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट सविंधानिक मुद्दों का निर्णय करती है,
राजनीतिक बेईमानी से खेती को पूँजीपतियों की ड्योढ़ी पर बेचने की साज़िश का नही।
सवाल 3 कृषि विरोधी कानूनों में MSP व अनाजमंडियों को ख़त्म करने का है,
किसान को अपने ही खेत में ग़ुलाम बनाने का है,
उसके लिए क़ानून रद्द करने होंगे
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 11, 2021
सुरजेवाला ने आगे कहा कि, “इस आंदोलन की सीधी जिम्मेदारी अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर और योगी आदित्यनाथ की है। राजनीति में आकर विरोध करना चाहते थे पर सड़कें किसने खुदवाईं, बैरिकेड्स किसने लगाए, पुलिस लगाकर किसानों का रास्ता किसने रोका। इसलिए अमित शाह, खट्टर, चौटाला और योगी आदित्यनाथ पर मामले दर्ज होने चाहिए। प्रधानमंत्री भी जिम्मेदार हैं। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेगी।”