Indore : Corona में मृत नागरिकों के परिजनों की कांग्रेस करेगी सहायता, विधायक ने बनाई योजना

Share on:

इंदौर(Indore): कोरोनावायरस(Corona Virus) के संक्रमण की महामारी से मृत नागरिकों के परिजनों की अब कांग्रेस(Congress) के द्वारा मदद की जाएगी। इसके लिए विधायक संजय शुक्ला(MLA Sanjay Shukla) के द्वारा योजना तैयार की गई है, जो कि कल रामनवमी के दिन से शुरू होगी। इस योजना के अंतर्गत मदद की हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। विगत दो वर्षो में कोरोना की महामारी में हजारों परिवारों ने अपने परिजनो को खोया है। जिन परिवारों पर यह वज्रपात हुआ है उनकी कानूनन मदद का ऐलान कांग्रेस ने किया है।

कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने ऐसे पीड़ित परिवार जनों की मदद के लिए म. प्र. कांग्रेस के मीडिया पेनलिस्ट और एडवोकेट प्रमोद द्विवेदी को जिम्मेदारी देते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 1 के लिए अधिकृत किया है। द्विवेदी ने बताया कि कोरोना से जिन परिवारों के मुखियाओं की मृत्यु हुई हैं उनके वारिस या संपत्ति के स्वामी का नामांतरण विभिन्न शासकीय कार्यालयों में कैसे किया जाए, इसकी कानूनन सलाह हेतु एक अनूठा और पूरी तरह से नि: शुल्क अभियान रामनवमी से प्रारंभ किया जा रहा है।

Read More : आईआईएम इंदौर में आयोजित हुआ पूर्व दीक्षांत समारोह 2022, कल दी जाएंगी डिग्रियां 

प्रदेश के लोकप्रिय जननेता एवम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इन जरूरत मंद लोगो को न्याय नहीं मिलने से बहुत ज्यादा व्यथित हैं । उनके ही सुझाव और दिशा निर्देश पर शहर काग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल एवं विधायक संजय शुक्ला के नेतृत्व में यह पूरा आभियान चलाया जाएगा। शुक्ला ने बताया कि आवेदन, आवश्यक दस्तावेज और विधिक दस्तावेज हेतु एक हेल्प लाइन भी कल रामनवमी से प्रारंभ की जा रही हैं।

ऐसे सभी जरूरत मंद लोगो की हर सम्भव मदद पुरी तरह से नि:शुल्क होगी । इनकी मदद हेतु अलग अलग वार्डो में सीधे संवाद की भी व्यवस्था भी की जा रही हैं । शुक्ला ने कहा कि म. प्र. की भाजपा सरकार ने इन पीड़ित परिवार जनों की सहायता के कई वादे और अनेकों घोषणा की पर आज तक किसी पर भी अमल में नहीं किया गया है । इन नागरिको को स्टाम्प शुल्क में कोई रियायत नहीं दी गई है। नामांतरण शुल्क , शपथ पत्र शुल्क ,लीज किराया , सर चार्ज के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र तक के लिए शुल्क लिया जा रहा है।

Read More : इंदौर एयरपोर्ट पर महिला का हंगामा, सुरक्षा के चलते रोकी गई फ्लाइट

बिजली के बिल मुख्यमंत्री पहले तो माफ कर देते है और एक साल बाद बकाया जोड़कर भेज दिए जाते है । जबकि जिस भी परिवार ने इस त्रासदी का सामना किया है उनके प्रति शासन प्रशासन का सहानुभूति वाला रवैया होना चाहिए, पर सरकार आपदा में भी कमाई के अवसर तलाश रही हैं । ऐसे पीड़ित लोगो की हम हर सम्भव मदद करेगें । उनके हक के लिऐ शासन प्रशासन से बात करेगें और जरूरत पड़ी तो चरणबद्ध आंदोलन भी करेगें ।