MP: कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा का पूर्व सीएम कमलनाथ पर आपत्तिजनक बयान, कांग्रेस ने जारी किया नोटिस

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MP: इस साल देश में लोकसभा चुनाव होने है। जिसके चलते देश की सभी बड़ी पार्टियां तैयारी में लग चुकी है। बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतरना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा से अपना प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। मगर इसी बीच कांग्रेस में अंदरूनी कलह नज़र आ रही है। कांग्रेस के कुछ बड़े चेहरे आपस में बयानबाज़ी कर रहे है। जिसके चलते कांग्रेस के मीडिया विभाग ने एक नोटिस भी जारी किया है।

कमलनाथ कांग्रेस का मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा चेहरा है। वह प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ पर एक चौकानें वाला बयान दिया है। उन्होंने एक चैनल को इंटरव्यू के दौरान कहा “किस तरह से उन्होंने (कमलनाथ) हवाई जहाज में एक महिला पत्रकार को इंटरव्यू दिया। वो इंटरव्यू बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण था और पार्टी ने भी उस पर सवाल उठाया था। मुझे नाम लेने में कोई गुरेज नहीं है। वह व्यक्ति कमलनाथ हैं और पिछले पांच-छह सालों में उनके जैसे क्रियाकलाप रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि कहीं उनके बीजेपी से सांठ-गांठ तो नहीं हैं। कहीं वो चाहते तो नहीं थे कि कांग्रेस की सरकार आए।”

उन्होंने आगे कहा कि हमारे वरिष्ठ नेताओं की गलती है कि इस व्यक्ति को पहचाना नहीं गया। मध्य प्रदेश में उनके राज में क्यों सरकार गिरी, इसका आकलन होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसके बाद तमाम घटनाएं हुईं, जिसमें इस व्यक्ति ने इतना ज्यादा अहंकार दिखाया, फिर भी समझ नहीं आया। अखिलेश-वखिलेश जैसे बयान दिए गए। मगर एक व्यक्ति के अहंकार ने जिस तरह से पूरे चुनावी माहौल को बदला, वो बेहद ही अहंकारपूर्ण है।

कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा के इस विवादित बयान पर कांग्रेस ने तत्काल अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने पार्टी प्रवक्ता आलोक शर्मा को नोटिस भेजा है और दो दिनों के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा है। कांग्रेस के मीडिया विभाग ने नोटिस में कहा है कि पार्टी के वरिष्ठ पद पर होने के बाद भी आपने न सिर्फ आधारहीन और भड़काऊ बयान दिए, बल्कि पार्टी और उसके वरिष्ठ नेताओं को कमतर दिखाने की कोशिश की। कांग्रेस पार्टी का सदस्य होने के चलते आपको मालूम है कि पार्टी अनुशासन पर जोर देती है और इसका पालन नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इसलिए आपके जरिए दिए गए बयान पर आपको दो दिनों के भीतर जवाब देने का मौका दिया जाता है।