आज दिल्ली में एक बार पक्ष-विपक्ष में सियासी घमासान जारी हो चूका है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे है, देश की राजनिति में हलचल होना शुरू होन शुरू हो गई है। आज यानी गुरुवार को पीएम मोदी संसद में बजट सत्र में व्हाइट पेपर पेश कर सकती है। माना जा रहा है कि इस व्हाइट पेपर में UPA सरकार के दौरान देश की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा होगा।
हालाँकि, कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस आज यानी 8 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने व्हाइट पेपर के विरोध में ब्लैक पेपर पेश किया है। इस ब्लैक पेपर में उन्होंने मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल के बारे में बताया है। इस दौरान खड़गे ने कहा कि अब इतने पैसे जमा हो रहे हैं, पहले क्यों नहीं होते थे, ऐसा कहकर वे अप्रत्यक्ष रूप में हैरेसमेंट और प्रेशराइज कर रहे हैं और इलेक्शन में पैसा लगा रहे हैं। ये पैसा डेमोक्रेसी को खत्म करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने बीजेपी पर कांग्रेस के विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया है। वे कहते है कि 10 साल में 411 विधायकों को बीजेपी ने अपने तरफ ले लिया। मैं ये नहीं कहता कि कितने पैसे देकर खरीदा। आप लोग जानते हैं कि हमारी कितनी सरकारें चुनी हुई थीं जैसे मध्य प्रदेश, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड। यहां सरकारें कैसे गिरीं, आप जानते हैं। अगर वे डराकर हमें कमजोर करना चाहते हैं तो न कांग्रेस और न ही मैं इससे प्रभावित होंगे।
व्हाइट पेपर:
व्हाइट पेपर एक रिपोर्ट या डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें सरकार की नीतियों और विषयों पर चर्चा की जाती है। अमूमन सरकार व्हाइट पेपर तब पेश करती है, जब इसे किसी विषय पर निष्कर्ष निकालना होता है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार के इस व्हाइट पेपर से उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को घेरने का बेहतर मौका मिल चूका है।