नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बॉर्डरों पर पिछले 42 दिनों से डटे हुए है। इसी के चलते लगातार कांग्रेस केंद्र सरकार से कृषि कानून रद्द करने की मांग कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने किसानों के समर्थन में बयान जारी कर केंद्र हर जोरदार हमला बोला है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार देश आज एक दोराहे पर खड़ा है। एक ओर देश का अन्नदाता पिछले 42 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज़ मांगों के समर्थन में डटा हुआ है। वहीं देश की निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर भाजपा सरकार ग़रीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है।
सोनिया गांधी ने कहा कि, कोरोना की चौतरफ़ा मार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार अपना ख़ज़ाना भरने के लिए आपदा को अवसर बनाने में लगी है। आज कच्चे तेल की क़ीमत $ 50.96 प्रति बैरल है यानी मात्र 23.43 प्रति लीटर, पर इसके बावजूद डीजल 74.38 और पेट्रोल 84.20 प्रति लीटर में बेचा जा रहा है। ये पिछले 73 साल में सबसे अधिक है।
उन्होंने आगे कहा कि, अंतराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमतें कम होने के बावजूद सरकार ने आम उपभोक्ता को इसका लाभ देने की बजाय एक्साइज ड्यूटी में बेतहाशा बढ़ोतरी करके मुनाफ़ा वसूली के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले साढ़े छह सालों में मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा लगभग 19,00,000 करोड़ आम जनता की जेब से वसूलें हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि, यही नहीं गैस सिलेंडर के दामों में भी भाजपा सरकार ने बेतहाशा क़ीमतें बढ़ा हर घर का बजट बिगड़ा है। मैं सरकार से मांग करती हूं कि, वह पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी की दरें यूपीए शासन के समान करे और त्रस्त जनता को तत्काल राहत प्रदान करे। मैं सरकार से तीनों खेती कानूनों को भी तत्काल रद्द करके किसानों की सभी मांगें पूरी करने की पुरज़ोर मांग करती हूं।