दमोह में भाजपा के नहले पर दहला जड़ने की तैयारी में कांग्रेस

Share on:

दिनेश निगम ‘त्यागी’

भाजपा के स्टार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ दमोह उप चुनाव प्रचार अभियान के सिलसिले में अभी एक बार ही दौरे पर गए हैं, बावजूद इसके भाजपा के राहुल लोधी एवं कांग्रेस के अजय टंडन के बीच कड़ी टक्कर के हालात बन रहे हैं। दमोह सीट के जातीय समीकरण पहले भाजपा के पक्ष में माने जा रहे थे लेकिन कांग्रेस ने जो रणनीति अपनाई, उसने भाजपा सहित राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया है। इसे भाजपा के नहले पर कांग्रेस द्वारा दहला जड़ने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। इसका अहसास होते ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को दमोह में ज्यादा समय देना पड़ा, अब मुख्यमंत्री चौहान का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। कमलनाथ 7 अप्रैल और कांग्रेस के प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक 12 अप्रैल को दमोह पहुंच रहे हैं। कुल मिलाकर उप चुनाव में मुकाबला रोचक हो चला है।

भाजपा में जातीय समीकरण साध रहे ये नेता
– दमोह सीट में सर्वाधिक मतदाता लोधी एवं दलित वर्ग से हैं। भाजपा प्रत्याशी खुद लोधी हैं। इनकी मदद के लिए क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और मलेहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी मोर्चे में हैं। लगभग 28 हजार ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की जवाबदारी लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के पास है। जैन एवं वैश्य समाज के लगभग 30 हजार वोटों का जिम्मा पूर्व मंत्री जयंत मलैया के कंधों पर है। यादवों के लिए गुना-शिवपुरी से सांसद केपी यादव को बुलाया गया। अन्य पिछड़े वर्गों के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ध्यान केंद्रित किए हैं। इस तरह भाजपा ने अन्य जातीय समीकरणों के आधार पर अपने मोहरे तैनात किए हैं। भाजपा की कोशिश हर वर्ग को अपनी ओर खींचने की है।

कांग्रेस ने भी तैनात किए दो दर्जन विधायक
– जातीय समीकरणों के लिहाजा से कांग्रेस की कोशिश भाजपा के नहले पर दहला जड़ने की है। पार्टी के लगभग दो दर्जन विधायकों व पूर्व मंत्रियों को जातीय आधार पर मोर्चे पर तैनात किया गया है। कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन खुद ब्राह्मण हैं। इनके साथ मनु मिश्रा, संजय शर्मा, पीसी शर्मा आदि ब्राह्मणों के बीच मेहनत कर रहे हैं। दलित वर्ग के लिए सज्जन सिंह वर्मा एवं सुरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में टीम तैनात की गई है। लगभग 15 हजार यादवों को आकषित करने के लिए पूर्व मंत्री हर्ष यादव एवं सचिन यादव को जवाबदारी दी गई है। लोधियों के बीच मलेहरा की साध्वी रामसिया लोधी एवं प्रताप लोधी काम कर रहे हैं। आदिवासियों के बीच ओंकार सिंह मरकाम एवं उमंग सिंघार जैसे युवा पूर्व मंत्री लगाए गए हैं। साफ है कि जातीय समीकरणों को साधने के मसले पर भाजपा की तुलना में कांग्रेस कहीं पीछे नहीं है।

दमोह में जातिगत आधार पर मतदाता (अनुमानित)
– दलित लगभग 40 हजार
– लोधी लगभग 35 हजार
– जैन सहित वैश्य लगभग 30 हजार
– ब्राह्मण लगभग 26 हजार
– आदिवासी लगभग 22 हजार
– कुर्मी और यादव लगभग 30 हजार
नोट: जातीय आंकड़े सूत्रों पर आधारित हैं, आंकड़ा इधर – उधर भी हो सकता है।