PM मोदी के इटली दौरे को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने साधा निशाना, कहा- ‘ G-7 में जाना बड़ी बात नहीं, गिरती छवि बचाने..’

sandeep
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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से ठीक पहले गुरुवार को आलोचना की। 13-14 जून के बीच इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन आयोजित होने वाला है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिखर सम्मेलन में इटली के प्रधानमंत्री के द्वारा आमंत्रित किया गया है।

रमेश ने 2007 में इसी शिखर सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रभावशाली यात्रा से तुलना करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी गिरती हुई अंतरराष्ट्रीय छवि को बचाने के लिए इटली जा रहे हैं। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने देश के प्रधानमंत्री कि शपथ समारोह के बाद कि पहली यात्रा जी7 को लेकर बड़ा हमला बोला है।

कांग्रेस महासचिव (संचार) ने कहा कि मनमोहन सिंह ‘खोखले आत्म-प्रशंसा’ के माध्यम से नहीं बल्कि सार के माध्यम से ‘वैश्विक दक्षिण की आवाज़’ के रूप में उभरे हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा कि मनमोहन सिंह और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने 2007 के शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया के सामने वैश्विक जलवायु परिवर्तन वार्ता में समानता सुनिश्चित करने के लिए ”सिंह-मर्केल फॉर्मूला” पेश किया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने उन्हें ‘एक तिहाई प्रधानमंत्री’ कहा और कहा कि उनसे इस इतिहास को स्वीकार करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ग्रुप ऑफ सेवन (जी-7) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली रवाना होने वाले हैं, जो लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पद संभालने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा होगी। भारत को शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है।भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पांचवीं भागीदारी होगी। प्रधानमंत्री मोदी के शिखर सम्मेलन में उनके साथ उपस्थित अन्य विश्व नेता भारत के साथ-साथ वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ आदि देश शामिल होंगे। इस सम्मेलन में मोदी वैश्विक मंचों में से एक में अपने सहयोगी नेताओं के साथ मिलकर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जो विकास और सहयोग के माध्यम से वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है वैश्विक साथी देशों के साथ सहयोग और समर्थन को मजबूत करना ताकि सभी क्षेत्रों में सशक्त और सुरक्षित समाज का निर्माण हो सके।