3 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजें घोषित हो जाने के बाद। एक तरफ यानी बीजेपी दफ्तरों में जीत का जश्न था तो वहीं दूसरी तरफ यानी कांग्रेस के खेमे में उदासी के चेहरे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस में मंथन अभी भी जारी है। भोपाल में प्रदेश कार्यालय में चली इस बैठक में हार की समीक्षा की गई। कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच लगातार बातचीत जारी है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की करारी हार हुई, इस हार से कांग्रेस में हाहाकार मचा हुआ है। कई नेता अपने ही पार्टी के नेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है। कोई EVM हैक की बात कर रहा है तो कोई काले धन की। इस तरह कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा, ‘मुझे कुछ विधायकों ने बताया कि उन्हें अपने गांव में 50 ही वोट मिले। यह कैसे हो सकता है? जिसको पहले से परिणाम पता था, उसने एग्जिट पोल बनवाया होगा। एग्जिट पोल तो माहौल बनाने के लिए था।’ कांग्रेस नेताओं के EVM हैक होने के दावे पर वे बोले, ‘सभी की बात सुन लूं, फिर किसी फैसले पर आना सही होगा। आप भी जानते हैं कि क्या माहौल था, मुझसे नहीं, पब्लिक से पूछिए।’
दिग्विजय सिंह ने EVM को लेकर कहा, ‘हमने बटन दबा दिया और पता ही नहीं चला कि वोट कहां गया है? मूल बात यह है कि जिस मशीन में चिप लगी है, उसके हैक होने की संभावना होती है।’
दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा, ‘मैं ऐसा नहीं मानता कि EVM में हेरफेर हुई। चुनाव में काले धन का इस्तेमाल हुआ है। भाजपा सरकार ने लोगों को शिक्षित नहीं होने दिया, इसलिए जैसा वो कहते गए, गरीब और अशिक्षित लोग वैसा करते रहे। हैंडपंप से बोतल में पानी भरा और कहा कि ये गंगाजल है। लोगों से गंगाजल के नाम पर हैंडपंप के पानी की कसम खिलवा ली। फिर अपने पक्ष में मतदान करा लिया।’