एरोड्रम रोड पर विद्याधाम के पीछे अम्बिकापुरी एक्सटेंशन में माँ कालिका का मंदिर है उसके पुजारी स्वामी वेदप्रकाशानन्द की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या हो गई थी , वेदप्रकाश सात्विक सहज, सरल भले इंसान थे जिसकी पुष्टि मन्दिर में नियमित जाने वाले बुजुर्गों महिलाओं से की जा सकती है ,किंतु हत्या के बाद स्वामी पर फर्जी ,झुटे गन्दे आरोप लगाये गये और एक ट्रस्टी ने कम्प्यूटर बाबा को मंदिर सौप दिया ? यह रहस्यमय है कि स्वामी की मौत के बाद कम्प्यूटर बाबा ने इस मंदिर पर कैसे कब्जा जमा लिया?
अब पुलिस-प्रशासन को इस मामले की भी जांच करना चाहिए , आज अम्बिकापुरी के मंदिर को कब्जे में लेने की कार्यवाही के दौरान वहां निर्मित कमरे में बाबा के बैठने की सिंहासन नुमा कुर्सी तो मिली ही , वही अलमारी से सांवेर क्षेत्र के अजनोद की एक सवा तीन है. यानी लगभग 8 एकड़ जमीन की ओरिजनल रजिस्ट्री भी मिली है ,ये जमीन कम्प्यूटर बाबा ने अपने नाम से खरीदी , विक्रय पत्र में 11 साल पहले खरीदी इस जमीन की कीमत तत्कालीन गाइडलाइन के मुताबिक 10 लाख दर्शायी गई है , जिसकी वर्तमान में कीमत 4-5 करोड़ से कम नही होगी , अब इस रजिस्ट्री की जांच भी कलेक्टर करवा रहे है कि ये जमीन बाबा ने कैसे खरीदी और वर्तमान में इस जमीन का इस्तेमाल क्या हो रहा है .