भोपाल। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई की जा रही है और जिन गरीब बच्चों के पास लैपटॉप या मोबाइल नहीं है उनकी दूरदर्शन के माध्यम से टीवी के द्वारा पढ़ाई करवाई जा रही है. करोनाकाल चल रहा है इसलिए भारत सरकार की जो गाइडलाइन है. उस हिसाब से हमें चलना पड़ेगा स्कूलों को बंद रखना पड़ेगा क्योंकि अगर किसी बच्चे को कुछ हो गया उसका जवाब भी हमें ही देना इसलिए हमारी यह मजबूरी है.
निजी स्कूलों के द्वारा एक तरफ जहां बच्चों से फीस वसूली जा रही है. वह शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है इस मामले की काफी शिकायतें आने पर बोले शिक्षा मंत्री निश्चित तौर पर ऐसी शिकायतें आ रही हैं. लेकिन वह कलेक्टर और श्रम विभाग के अंतर्गत आता है और वहां पर यह शिक्षक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपने बंगले के बाहर बोर्ड लगाकर रखा है कि ट्रांसफर के लिए ना आए. इस पर बोले शिक्षा मंत्री कई लोग आते हैं ट्रांसफर के लिए इसलिए यह बोर्ड लगाया गया क्योंकि अभी ट्रांसफर पूरी तरह से वैन है.
किसानों की आत्महत्या के मामले में उच्च शिक्षा मंत्री का बयान
जहां-जहां भी इस तरह की आत्महत्या हुई है उसके अन्य दूसरे कारण है विपक्ष निराधार आरोप लगाती है.