इंदौर। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्य क्षेत्र के 15 जिलों में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत की प्रभावी तैयारी की गई थी। प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों को समझौते के माध्यम से निराकृत करवाया गया। तोमर ने बताया कि कुल 4500 मामले 44 न्यायालय क्षेत्र में निराकृत हुए। 5.75 करोड़ रुपये की रकम कंपनी को प्राप्त हुई। 3800 उपभोक्ताओं को 2.15 करोड़ रू की छूट प्रदान की गई। कंपनी के सभी 438 केंद्र के करीब 3000 कर्मचारी तैयारी में लगे थे। नेशनल लोक अदालत में बिजली कंपनी ने भी हजारों प्रकरण का समझौते के लिए रखे। सभी 15 जिलों में इसके लिए तैयारी की थी। प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि ऊर्जा विभाग के आदेशानुसार छूट प्रदान की गई। इसमें प्री लिटिगेशन स्तर पर सिविल दायित्व की राशि पर 40 फीसदी एवं ब्याज पर सौ फीसदी छूट प्रदान की गई। लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में सिविल दायित्व की राशि पर 25 फीसदी एवं ब्याज पर 100 फीसदी की छूट प्रदान की। तोमर ने बताया कि आवेदक को छूट के उपरांत राशि का एकमुश्त भुगतान करना था, पहली बार के प्रकरणों पर ही छूट की पात्रता रही। मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि कंपनी स्तर पर 44 स्थानों पर लगी लोक अदालतों की विभागीय तैयारियों, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आवेदकों से संपर्क एवं लोक अदालतों में लाने आदि की जिम्मेदारी के लिए मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर, मुख्य सतर्कता अधिकारी कैलाश शिवा को नोडल अधिकारी बनाया गया था।
लोक अदालत में बिजली के 4500 प्रकरणों में समझौता, उपभोक्ताओं को मिली करोड़ो की छूट
Akanksha
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