• ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी के उपयोग से की गई जटिल एंजियोप्लास्टी
• इंदौर के शैल्बी हॉस्पिटल के शैल्बी इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियक साइंस के डायरेक्टर डॉक्टर सिद्धांत जैन एवं पोलैंड के करोल मार्सिन कोवस्की यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर डॉ. एम. लेसिएक रहे मुख्य फैकल्टी के रूप में उपस्थति
इंदौर : ह्रदय रोगों के निदान के लिए कई तरह की उपचार विधियों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) ऐसी ही एक आधुनिक प्रक्रिया है जिसका उपयोग कार्डियक कैथीटेराइजेशन एंजियोग्राफी के दौरान किया जाता है। इंदौर के शैल्बी मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के शैल्बी इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियक साइंस के डायरेक्टर डॉक्टर सिद्धांत जैन द्वारा बीते दिनों ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) काम्प्लेक्स एंजियोप्लास्टी वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जहाँ पोलैंड के प्रोफ़ेसर डॉ. एम. लेसिएक को गेस्ट फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किया गया। इस एक दिवसीय वर्कशॉप में इंदौर के शैल्बी मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के शैल्बी इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियक साइंस के डायरेक्टर डॉक्टर सिद्धांत जैन, डॉ. शिरीष अग्रवाल और डॉ. अर्पितजैन भी मौजूद रहे।
ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रोफ़ेसर डॉ. एम. लेसिएक ने बताया, “ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) एक इंट्रावास्कुलर इमेजिंग तकनीक है जो रक्त वाहिकाओं की सूक्ष्म संरचना के हाई -क्वालिटी, क्रॉस-सेक्शनल और थ्री – डायमेंशनल इमेज प्रदान करने के लिए नियर – इन्फ्रारेड लाइट का उपयोग करती है। यह मुख्य रूप से एंजियोप्लास्टी एवं स्टेंट के दौरान उपयोग की जाती है। अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस) रक्त वाहिकाओं की इमेज के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है लेकिन ओसीटी लाइट का उपयोग करता है। यह तकनीक बहुत हाई – रिज़ॉल्यूशन वाली इमेजेज़ प्रदान करती है। जिसके कारण उपचार में काफी आसानी हो जाती है।”
वर्कशॉप के बारे में अधिक जानकारी देते हुए शैल्बी हॉस्पिटल कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉक्टर सिद्धांत जैन ने बताया, “ओसीटी का उपयोग एंजियोप्लास्टी सहित हृदय कैथीटेराइजेशन प्रक्रियाओं के साथ किया जाता है, जिसमें हृदय रोग विशेषज्ञ कोरोनरी धमनी को खोलने के लिए कैथेटर की नोक पर एक छोटे गुब्बारे का उपयोग करते हैं। बैलून एंजियोप्लास्टी से गुजरने वाले अधिकांश रोगियों को एक स्टेंट भी दिया जाता है – धमनी को खुला रखने के लिए उसके अंदर एक छोटा जाल जैसा उपकरण लगाया जाता है। ओसीटी छवियां हृदय रोग विशेषज्ञों को यह देखने में मदद कर सकती हैं कि क्या स्टेंट धमनी को खुला रख रहा है और क्या स्टेंट धमनी की दीवार के खिलाफ सही ढंग से रखा गया है। ओसीटी हृदय रोग विशेषज्ञों को धमनी के अंदर जमे प्लाक को स्पष्ट रूप से देखने, धमनी के अंदर कितना वसा या थक्का है, इसका पता लगाने और स्टेंट लगाने से पहले और बाद में सटीक माप लेने की सुविधा भी देता है। इस वर्कशॉप में हमनें कुल 7 कॉप्लेक्स एंजियोप्लास्टी की हैं साथ ही शैल्बी हॉस्पिटल के कैथ लैब में इनका लाइव डिमोंसट्रेशन भी किया गया ताकि नए प्रशिक्षु डॉक्टर्स भी इस विधि से अवगत हो सके एवं रोगियों के लिए अधिक से अधिक लाभ सुनिश्चित हो सके।”