महू: महू स्थित बीआर अम्बेडकर सामाजिक न्यास यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ आशा शुक्ला के विरुद्ध कूटरचित दस्तावेज एवं असत्य जानकारी देकर कुलपति पद प्राप्त करने की शिकायत राजभवन एवं थाना बागसेवनीया में की गई थी।
बागसेवनिया थाना प्रभारी द्वारा कल 29 जून को डॉ आशा शुक्ला को नोटिस जारी कर कथन देने के लिए उपस्थित होने को कहा गया है। पूर्व में शिकायतकर्ता एड. अजय त्रिपाठी एवं तत्कालीन कुलसचिव डॉ यू एन शुक्ला के कथन लिये जा चुके है। थाना प्रभारी द्वारा बरकतउल्लाह प्रशासन से प्राप्त जानकारी में स्पष्ट किया जा चूका है कि डॉ आशा शुक्ला की नियुक्ति निर्देशक पद पर हुई थी एवं उनका पद प्रोफेसर कभी नहीं था ।
बीयू प्रशासन से प्राप्त जानकारी में यह भी बताया गया कि डॉ आशा शुक्ला विश्वविद्यालय सेवा में कभी भी नियमित पद पर नहीं थी एवं राज्य शासन से पद की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। डॉ यू एन शुक्ला द्वारा राजभवन एवं थाना प्रभारी को दी गई जानकारी में बताया गया कि उनके कार्यकाल में डॉ आशा शुक्ला द्वारा राजभवन में प्रस्तुत प्रमाणपत्र में हस्ताक्षर नहीं किये ना ही कभी उनके द्वारा प्रमाणपत्र डॉ आशा शुक्ला को जारी किया गया।
डॉ यू एन शुक्ला के कथन का समर्थन विश्वविद्यालय प्रशासन से प्राप्त जानकारी से होता है। बी यू प्रशासन द्वारा दी जानकारी में यह बताया गया कि डॉ आशा शुक्ला द्वारा कुलपति चयन में प्रस्तुत प्रमाणपत्र विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया गया है।
शिकायत कर्ता द्वारा बताया गया कि राजभवन तथ्यों को छुपा रहा है जबकि सभी तथ्यों की जानकारी दस्तावेजों के साथ राजभवन को शिकायत के माध्यम से दी जा चुकी है। राजभवन द्वारा कार्यवाही विगत 6-7 माह से लंबित करने से राजभवन की कार्यवाही पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है।
डॉ आशा शुक्ला द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्र जिसमे कहा गया है कि “डॉ आशा शुक्ला के विरुद्ध कोई भी विभागीय जांच लंबित नहीं है। वह कूटरचित है डॉ आशा शुक्ला के विरुद्ध कुलपति पद पर विराजमान होने तक उनकी नियुक्ति ,पद ,वेतन ,एवं वेतन निर्धारण को लेकर की गई शिकायत लंबित थी।