विभिन्न समुदायों के प्रबुद्धजनों को दिया गया सामुदायिक मध्यस्थता संबंधी प्रशिक्षण

Akanksha
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इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की खण्डपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायाधिपति सुजय पॉल के निर्देशन एवं न्यायाधिपति विवेक रूसिया की अध्यक्षता में आयोजित 7 दिवसीय सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज चौथे दिवस प्रतिभागियों को सामुदायिक मध्यस्थता संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर डॉ. मोहम्मद शमीम द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को संचार कौशल विषय में प्रशिक्षण प्रदान करते हुए बताया गया कि मध्यस्थ की भूमिका के रूप में क्रियाशील सहानुभूति व संवेदना के साथ दोनों पक्षकारों को सुनना जरूरी है। मास्टर ट्रेनर आरती शर्मा द्वारा पक्षकारों के शारीरिक हाव-भाव एवं उनसे सही प्रश्न पूछने के तरीकों से संबंधित जानकारी प्रदान की गई।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को मध्यस्थता कार्यवाही के दौरान पक्षकारों के मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझाने के उद्देश्य से प्रोफेसर एवं मनोवैज्ञानिक न्यू जी.डी.सी. कॉलेज इन्दौर डॉ. खालिदा दुधाले को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। मनोवैज्ञानिक द्वारा मध्यस्थता कार्यवाही के दौरान संचार में प्रेक्षण (ऑबजर्वेशन) का महत्व बताते हुए केस स्टडी के माध्यम से उदाहरण प्रस्तुत किया गया। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि पक्षकारों की समस्या के निराकरण के दौरान मध्यस्थ को पक्षकारों के जीवनशैली में हो रहे परिवर्तन, अकेलापन, ईर्ष्या अथवा अहंकार विषयों पर विचार करना चाहिए ।

मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रतिभागियों को मध्यस्थता कार्यवाही में निपुण बनाये जाने के उद्देश्य से दो ग्रुप में विभाजित कर विषयवस्तु के संबंध में कृत्रिम अभ्यास सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा दी गई समस्याओं का मध्यस्थ एवं पक्षकार बनकर निराकरण कराने हेतु प्रयास किया गया।

मास्टर ट्रेनर्स डॉ. मो० शमीम एवं श्रीमती आरती शर्मा, प्रोफेसर एवं मनोवैज्ञानिक डॉ. खालिदा दुधाले के साथ प्रिंसिपल रजिस्ट्रार/सचिव श्री बी.के. द्विवेदी, रजिस्ट्रार (एम) ए. व्ही. मण्डलोई, जिला विधिक सहायता अधिकारी मनीष कौशिक एवं बोहरा समुदाय, जैन समुदाय, वाल्मिकी समुदाय, माहेश्वरी समुदाय, खण्डेलवाल समुदाय, ब्राम्हण समुदाय, वैश्य समुदाय, कोरी समुदाय, बैरवा समुदाय, नेमा समुदाय, पासी समुदाय, बंगाली समुदाय, महाराष्ट्रीयन समुदाय अग्रवाल समुदाय, मुस्लिम समुदाय, सिख समुदाय एवं गहोई वैश्य समुदाय के प्रबुद्धजन सम्मिलित हुए ।