इंदौर: कोरोना काल में सभी स्कूल बंद है, लेकिन यहां बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही सामान्य ज्ञान भी दिया जा रहा है। बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर माउंट लिट्रा जी स्कूल में भी ऑनलाइन आयोजन किए जा रंहे हैं। 16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर स्कूल की ओर से ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें स्कूल के विद्यार्थियों को विजय दिवस मनाने के कारण और इसके महत्व के बारे में बताया गया।
प्रिंसिपल धरम वर्मा ने बताया कि 16 दिसंबर 1971 का दिन भारत ही नहीं दुनिया भर के लिए यादगार है। इस दिन हमारे देश ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को विफल कर बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने बताया कि हमारे देश के सैनिकों के साहस के आगे पाकिस्तान को हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ी। चाहे वो साल 1947 का युद्ध हो या फिर साल 1999 का कारगिल युद्ध। उस वक्त भी भारतीय सेना के वीर योद्धाओं ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। इसी ऐतिहासिक जीत को ध्यान में रखते हुए देश पर जान न्यौछावर करने वाले जवानों की याद में हर वर्ष ‘विजय दिवस” मनाया जाता है।
शहीद हुए थे 1400 सैनिक
भारत पाक युद्ध से ही एक नए देश का उदय हुआ, जिसे हम आज बांग्लादेश के नाम से जानते हैं। विजय दिवस पर देश के प्रधानमंत्री से लेकर आर्मी प्रमुख तक जान न्यौछावर करने वाले जवानों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। गौरतलब है कि यह यह युद्ध फील्ड मार्शल मानेकशॉ के नेतृत्व में लड़ा गया था। युद्ध में भारत के 1400 से अधिक सैनिक शहीद हुए थे।
शिक्षकों ने दी देशभक्ति की प्रेरणा, बच्चों ने दी प्रस्तुति
इस अवसर पर प्रिंसिपल व स्कूल के अन्य पदाधिकारियों ने बच्चों को ना सिर्फ विजय दिवस की जानकारी दी, बल्कि उन्हें देशप्रेम और देशभक्ति की भावना का संचार भी किया। उन्होंने कहा कि हम भारत के नागरिक हैं और यहां सभी कानून और नियमों का पालन करना भी देशभक्ति है। एक अच्छा नागरिक वही है जो देश को नुकसान पहुंचाने वाला कोई काम न करें। हम सभी को देश के प्रति सम्मान रखते हुए खुद को जिम्मेदार नागरिक बनाना चाहिए।
राष्ट्रीय संपत्ति को सहेजने में योगदान देना चाहिए, नियमों का पालन करना चाहिए और देश का सर्वोपरि मानते हुए तरक्की में अपनी ओर से अधिकतम प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर कई विद्यार्थियों ने भी देशप्रेम और देशभक्ति से जुड़ी प्रस्तुतियां दीं और राष्ट्र के प्रति सम्मान व्यक्त किया। कक्षा एक से आठ तक के कई विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और शिक्षकों को विश्वास दिलवाया कि हम हमेशा देशहित को सर्वोपरि मानकर काम करेंगे और शिक्षा के माध्यम से विश्व में भारत का नाम रोशन करेंगे।