इंदौर 12 अगस्त
कोरोना संक्रमण के गहन स्वरूप से आप भली भांति परिचित हैं, इसके सूक्ष्म आकलन करने के उद्देश्य से यह वृहद sero surveillance का प्रोजेक्ट आरंभ किया गया है
यह प्रोजेक्ट भारत सरकार के निर्देशों तथा मध्यप्रदेश शासन के तत्वाधान में ही किया जा रहा है, जिसमें आईसीएमआर के मानदंडों का परिपालन किया जा रहा है और तकनीकी मार्गदर्शन राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) नईदिल्ली द्वारा दिया जा रहा है। संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा और कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर के नागरिकों से इस सर्वे में सहयोग और इसे सफल बनाने की अपील की है। उन्होंने बताया है कि इस सर्वे में उन लोगों के रक्त में कोरोना एंटीबॉडी का पता लगाया जा रहा है, जो अब तक कोरोना पॉज़िटिव नहीं हुए हैं। ये ना केवल आम जनता में फैले संक्रमण का आकलन कर सकेगा बल्कि शहर के लोगों में अब तक कितनी प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो सका है, उसका महत्वपूर्ण निष्कर्षित मूल्यांकन हो सकेगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि
इस शहर के नागरिकों की सूझ बूझ और जागरूकता की पूरे देश में मिसालें दी जाती हैं, रक्त में एंटीबॉडी का मिलना आपका कोरोना के विरुद्ध सशक्त हो जाने का द्योतक है और शहर में ऐसे लोग जिनको कोरोना के लक्षण नहीं आए, पॉज़िटिव भी नहीं हुए, उनमें से कितने प्रतिशत इसके विरुद्ध प्रतिरोधक शक्ति विकसित कर चुके हैं, ये जानने की उत्सुकता हम सभी में होनी चाहिए। वैज्ञानिक सांख्यिकी के सिद्धांतों का पालन करते हुए शहर में प्रत्येक वार्ड से रैंडम लोगों का सैंपल लिया जाना है, कई घरों को लॉटरी के माध्यम से चुना गया है, इस सिद्धांत से हम आने वाले परिणामों को सम्पूर्ण शहर पर प्रयुक्त कर प्रतिपादित करने की स्थिति में होंगे
जो लोग रक्त में एंटीबॉडी होने की महत्ता समझते हैं, वो तत्पर हैं पैसे देकर भी ये जांच करवाने के लिए, जबकि जो घर लॉटरी के माध्यम से चुना गया है उसका, स्वास्थ्य कर्मी उसके घर जाकर सैंपल ले रहा है और उसकी ये जांच मुफ़्त हो रही है, इस वास्तविकता को आपने अब तक ना समझा हो तो समझिए।
जन स्वास्थ्य की दिशा में और इंदौर के भविष्य में कोरोना का क्या रुख रहेगा, इसके संदर्भ में इसके बहुत ही निर्णायक प्रोजेक्ट साबित होने की उम्मीद है।
जो स्वास्थ्य कर्मी आपके घर आए हैं आपका सैंपल लेने, वो अपनी रूटीन ड्यूटी, गृह कार्य, पारिवारिक जिम्मेवारियों का त्याग कर के, छुट्टी, मौसम, त्यौहार सभी का त्याग कर के आपके द्वार तक पहुंच रहे हैं, आपके रक्त में एंटीबॉडी बनी या नहीं बनी, ये देखने के लिए।
मेडिकल कॉलेज की डीन डॉक्टर ज्योति बिंदल का कहना है कि अगर हम सर्वे दल के सदस्यों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं तो
इनका सहयोग ना कर के अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य हितों के साथ, शहर और देश के साथ अन्याय ही नहीं कर रहे बल्कि शासन के कार्य में अवरोध बन कर एक अनैतिक कृत्य भी कर रहे हैं
पुनर्विचार करें, जानकारी ना हो तो इसको समझें, अकारण खुद के हितों के साथ कुठाराघात ना करें