प्रयागराज में चल रहे कुंभ में आये वानमानुष बाबा अपने आप को माँ काली का भक्त बताते है और उनसे बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि जब वो 8 साल के थे तो माँ काली उनके सपने में आकर उन्हें दर्शन दिए जिसके बाद उनका जीवन ही बदल गया। वानमानुष बाबा पूर दिन में मात्र 3 घंटे सोते है और बाकि समय करते है माँ काली की आराधना। ये कभी भी अपने पैर जमीन पर नहीं रखते है,हर समय अपनी गाड़ी में सवार रहते है और सिर्फ बरमान घाट के आश्रम में ही आकर अपनी गाड़ी से उतरते हैं और फिर पूरे समय जूती पहने रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक इनकी पत्नी और एक पुत्र भी है,ये सदा अपनी पत्नी को साथ लेकर चलते है चाहें कही भी जाए।
कहा के है ये वानमानुष
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में बरमान घाट के रहने वाले है जो वान मानुषबाबा के नाम से चर्चा का विषय है.ये हमेशा ही सुई से अपने शरीर पर रक्त चंदन से धारी बनाते हैं. उनका कहना है कि माँ काली ने उन्हें दिन में तीन बार सुई से ये धारियां बनाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि, ‘मां काली ने पहले उनसे दिन में तीन बार 11 धारी का लेप लगाने को कहा था। लेकिन बाद में जब उन्होंने सिंहस्थ में मां की आराधना की तो उससे प्रसन्न होकर काली माता ने उनसे 28 धारी का लेप लगाने को कहा। तब से वह हर सुबह 5 बजे सुई से अपने शरीर पर रक्त चंदन का लेप लगाते हैं.बाबा एक दिन में तीन बार स्नान करते है।