उज्जैन 04 सितम्बर। कलेक्टर ने जिले के सभी तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे जिले में नदी के किनारे एवं अन्य स्थानों पर खेतों में पानी भरने से खरीफ फसलों में हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए सर्वे करवाकर आगामी 3 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसी तरह उन्होंने बाढ़ से हुई मृत्यु में राहत प्रकरणों को तैयार कर एक सप्ताह में स्वीकृति आदेश जारी करने के निर्देश दिये है। कलेक्टर ने आज सिंहस्थ मेला कार्यालय में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर नामांतरण, बँटवारा, डायवर्शन एवं राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर अवि प्रसाद, एडीएम जितेन्द्र सिंह चौहान, अपर कलेक्टर बिदिशा मुखर्जी, जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार मौजूद थे।
पटवारियों पर नियंत्रण रखने के लिए रिपोर्ट की रैण्डम चेकिंग की जाए
कलेक्टर ने बैठक में जिले के सभी तहसीलदारों एवं एसडीएम को निर्देश दिये है कि वे पटवारी द्वारा प्रस्तुत की गई विभिन्न रिपोर्ट की 10 प्रतिशत रैण्डम जाँच करें। जाँच के आधार परटवारियों के कार्यों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है। कलेक्टर ने साथ ही फौती नामांतरण, अविवादित नामांतरण, बँटवारा आदि मामलों में भी सभी तहसीलदारों को सावधानिपूर्वक निर्णय पारित करने के लिए कहा है। कलेक्टर ने राजस्व न्यायालय के सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे कोर्ट की कार्यवाही न्यायालय की तरह ही चलाएं एवं बार-बार प्रकरणों में तारीख न बढ़ाए। उन्होंने कहा कि यदि पेशी बढ़ाना भी है तो केस डायरी में स्पष्ट कारण लिखा जाए न कि अन्य कार्य में व्यस्त होने के कारण तारीख बढ़ाई जाती है लिखा जाए। कलेक्टर ने नामांतरण एवं बँटवारा के प्रकरण नागदा तसहील में अधिक पैंडिंग होने के कारण नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश दिये कि जिले की सभी तहसीलों में 70 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
सीएम हैल्पलाईन में 500 दिन से पुरानी कोई भी शिकायत पैंडिंग नहीं रहना चाहिए
बैठक में कलेक्टर ने राजस्व मामलों में सीएम हैल्पलाईन पर प्राप्त शिकायतों की समीक्षा की तथा निर्देश दिये कि जिन तहसीलों में 500 दिन से पुरानी शिकायत लंबित है, उनका निराकरण 1 सप्ताह में किया जाए। साथ ही कलेक्टर ने कहा है कि 100 दिन से पुरानी शिकायतों में जो शिकायतें निराकृत नहीं की जा सकती है उनको फोर क्लॉज़ करने की नोटशीट प्रस्तुत की जाए। कलेक्टर ने बैठक में शासकीय भवनों के निर्माण के लिए जमीन आवंटन की समीक्षा की तथा निर्देशित किया कि शासकीय भवनों के लिए जमीन आवंटन के मामलों का तुरंत निराकरण किया जाए। जमीन आवंटन के अभाव में कोई भी निर्माण कार्य नहीं रूकना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि केंद्रीय विद्यालय के लिए किसी तहसील में जमीन मांगी जाती है तो ऐसे प्रकरण का निराकरण 2 दिन में ही किया जाना चाहिए, अन्यथा केन्द्रीय विद्यालय संगठन भवन अन्य जिले में ले जा सकता है।
कलेक्टर ने बैठक में पीएम किसान योजना की समीक्षा की और निर्देश दिये कि जिन किसानों के खाते में आइएफसी कोड एवं नाम आदि की त्रुटियाँ है, उनका निराकरण करने के लिए अभियान चलाकर कार्य किया जाए। इसी तरह मिसल बंदोबस्त की स्केन कॉपी ई-पटवारी बस्ते में अपलोड करने तथा जिले में कोटवारों के 48 रिक्त पदों पर भर्ती करने के निर्देश दिये।