उज्जैन : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने मप्र सिविल सेवा वर्गीकरण एवं अपील नियम-1966 के नियम-10(9) के अन्तर्गत अपचारी शासकीय सेवक नरेन्द्र पाराशर लेखापाल (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय) को तत्काल प्रभाव से शासकीय सेवा से पदच्युत (डिसमिस फ्रॉम सर्विस) करने के आदेश जारी कर दिये हैं। उक्त कर्मचारी को निलम्बन अवधि के लिये भुगतान किये गये जीवन निर्वाह भत्ते के अतिरिक्त अन्य वेतन भत्तों की पात्रता भी नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के तत्कालीन लेखापाल नरेन्द्र पाराशर को अनुकंपा नियुक्ति हेतु 50 हजार रुपये की मांग करने के आरोप में विगत 14 जनवरी 2019 को निलम्बित किया गया था। निलम्बन के उपरान्त उक्त अपचारी कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय जांच संस्थित की गई थी। सम्पूर्ण जांच प्रकरण में विभागीय जांच अधिकारी द्वारा अपचारी शासकीय सेवक पर अधिरोपित आरोप प्रमाणित होना पाया गया।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है- सीएमएचओ आफिस में भृत्य के पद पर रहते हुए श्री शान्तिलाल लक्ष्यकार की मृत्यु 14 नवम्बर 2017 को हो गई। उनके पुत्र श्री रवि द्वारा अगस्त-2018 में अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन दिया गया। उक्त आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं होने से रवि सम्बन्धित लेखापाल नरेन्द्र पाराशर से मिला।
नरेन्द्र पाराशर द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के लिये 50 हजार रुपये की मांग की गई, जिसका ऑडियो सम्बन्धित आवेदक द्वारा बनाया गया एवं उक्त ऑडियो की पुष्टि दैनिक भास्कर समाचार-पत्र के माध्यम से 14 जनवरी 2018 को प्रकाशित हुई। प्रकरण में कलेक्टर द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। सम्पूर्ण जांच प्रकरण में जांच अधिकारी द्वारा अपचारी कर्मचारी के विरूद्ध आरोप सिद्ध होना प्रतिवेदित किया गया।