डेढ़ सौ करोड़ के प्रोजेक्ट में गीले कचरे से बनेगी सीएनजी गैस

Mohit
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राजेश राठौर

इंदौर । नगर निगम ट्रेचिंग ग्राउंड पर गीले कचरे से अब सीएनजी गैस बनाने का काम शुरू करेगी। इस काम के लिए ठेकेदार ने डेढ़ सौ करोड़ का प्लांट लगाया है। देश में इस तरह का पहला यह प्लांट होगा। इंदौर में लगभग 1100 टन कचरा अभी हो रहा है जिसमें से लगभग 600 टन कचरा गीला होता है इस कचरे को तेजी से निपटाने के लिए बायो मेंथेनेशन प्लांट 20 और 15 टन की क्षमता का लगाया गया है।

जो चोइथराम सब्जी मंडी और कबीटखेड़ी पर है। इसके अलावा सबसे बड़ा प्लांट 500 टन की क्षमता वाला ट्रेचिंग ग्राउंड पर बनाया गया है। इसके संचालन का काम नेत्रा रिसोर्सेस मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के जरिए किया जाएगा। देश में 500 टन की क्षमता का पहला प्लांट इंदौर में स्थापित होगा। जहां गीले कचरे से हर रोज सीएनजी गैस बनेगी। आने वाले 10 साल में गीले कचरे की मात्रा बढ़कर 900 टन तक हो जाएगी।

उसी हिसाब से ही इसे बनाया गया है। यह प्लांट आईएल एफ एस एनवायरमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्थापित किया है। अप्रैल 2021 तक यह प्लांट अपना काम तेजी से शुरू करेगा। 2021 में गीले कचरे का निपटारा कर के बायो सीएनजी गैस बनाई जाएगी। जो लगभग 7000 किलो होगी। 2 वर्ष बाद इस प्लांट से 17500 किलो गैस बनेगी। नगर निगम को इस प्लांट के शुरू होने के बाद इनकम भी शुरू हो जाएगी।

ट्रेचिंग ग्राउंड पर लगभग 15 एकड़ जमीन पर यह प्लांट शुरू किया जा रहा है। नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि इस प्लांट का उद्घाटन परसों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। एक करोड़ सालाना मिलेंगे नगर निगम को नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद नगर निगम को हर साल एक करोड़ एक लाख रुपए कंपनी देगी। यह ठेका 20 साल के लिए दिया गया है।