उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए भाजपा ने व्यापक रणनीति तैयार की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार से अपने चुनाव प्रचार का आगाज कर रहे हैं। पहले दिन वो पश्चिमी यूपी की तीन सीटों – कुंदरकी, मीरापुर, और गाजियाबाद में चुनावी सभा और रोड शो करेंगे। शनिवार को वह मैनपुरी की करहल, अलीगढ़ की खैर और कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीटों पर प्रचार करेंगे, जबकि रविवार को कटेहरी, फूलपुर और मंझवा में चुनावी रैली करेंगे।
भाजपा की रणनीति
बीजेपी ने इन उपचुनावों के लिए खास जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाई है। हर सीट पर भाजपा ने दस विधायकों की टीमें उतारी हैं जो मतदाताओं से संपर्क करेंगी। इसके अलावा, सांसदों और मंत्रियों को भी चुनाव प्रचार में बड़ी भूमिका दी गई है। सीएम योगी उपचुनाव से पहले ही इन इलाकों में दौरे कर चुके हैं और करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया है। स्थानीय बूथों और शक्ति केंद्रों पर जनप्रतिनिधियों को नियुक्त कर जनसंपर्क का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
जातीय समीकरण साधने पर जोर
बीजेपी ने उपचुनाव की हर सीट पर जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए PDA (पास, दलित, आदिवासी) का फॉर्मूला अपनाया है। प्रत्येक सीट पर जातीय समीकरण के अनुसार उपयुक्त नेताओं और जनप्रतिनिधियों को भेजकर विपक्ष के आरोपों का तथ्यात्मक जवाब देने की रणनीति बनाई गई है। बीजेपी की मीडिया टीम ने मुद्दों के हिसाब से तथ्य और सामग्री जुटाकर जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाने की योजना बनाई है।
INDIA गठबंधन की तैयारी
भाजपा की रणनीति का जवाब देने के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA भी अगले सप्ताह से प्रचार अभियान शुरू करेगा। गठबंधन ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त प्रचार रैलियों की योजना बनाई है, जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ अरविंद केजरीवाल, तेजस्वी यादव और अन्य समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
INDIA गठबंधन की संयुक्त रैली से एकता का संदेश
INDIA गठबंधन के नेता संयुक्त रैली में अपनी एकता का संदेश देंगे, और उत्तर प्रदेश में भाजपा को चुनौती देने के लिए एकजुट होकर चुनाव प्रचार करेंगे। यह रैली विपक्ष के ताकत का प्रदर्शन करेगी, और आगामी लोकसभा चुनाव के पहले महत्वपूर्ण संदेश देने का प्रयास करेगी।