मुख्यमंत्री योगी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा स्थल का लोकार्पण

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इंदौर। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि हिंदू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के 350 वे राज्याभिषेक वर्ष के उपलक्ष में छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा स्थल का लोकार्पण माननीय योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्य आतिथ्य में शिवाजी वाटिका चौराहे एबी रोड पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर महापौर भार्गव व अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्मृति के रूप में भेंट की गई।

इस अवसर पर मान. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में स्वच्छता में लगातार नंबर वन एवं देश में स्मार्ट सिटी में अग्रणी इंदौर शहर के महापौर भार्गव व उनकी टीम का मैं हृदय से अभिनंदन करता हूूॅ कि उन्होने देश के महान छत्रपति शिवाजी के राज्यभिषेक पर्व को इतने उत्साह से मनाया है, उन्होने कहा कि इंदौर ने छत्रपति शिवाजी के राज्यअभिषेक पर्व की शुरूआत की है कि जो कि देश के अन्य शहरो में भी मनाया जावेगा। उन्होने कहा कि इंदौर के इस मुख्य मार्ग पर छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा व स्मारक वाटिका को जब भी कोई देखेगा तो उसमें राष्ट्र प्रेम का भाव आएगा, उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में छत्रपति शिवाजी का आगरा में म्युजियम का निर्माण किया जा रहा है, इंदौर की जागरूक जनता के साथ ही जनप्रतिनिधियों व महापौर की टीम ने समर्पण के भाव से इंदौर को स्वच्छता में अग्रसर किया है तथा समर्पण के भाव से ही इस स्मारक का निर्माण किया है।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि देश के सबसे स्वच्छ शहर व स्मार्ट सिटी में मान मुख्यमंत्री योगी का स्वागत है, उन्होने कहा कि आज राष्ट्र के स्वाभिमान के प्रतिक इंदौर में छत्रपति महाराज श्री शिवाजी  के अभिषेक पर्व पर आप सभी का अभिनंदन है, महाराज श्री छत्रपति शिवाजी द्वारा सनातन धर्म को आगे ले जाने का कार्य किया है, ऐसे छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन।

इस अवसर पर माननीय मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊषा ठाकुर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, राज्य सफाई आयोग अध्यक्ष केबिनेट मंत्री प्रताप करोसिया, सांसद  शंकर लालवानी, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, राष्ट्रगुरू  सत्यनारायण सत्तन, कृष्णमुरारी मोघे, विधायक महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला,  मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़, आकाश विजयवर्गीय, इंदौर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष गोलु शुक्ला, सभापति मुन्ना लाल यादव, महापौर परिषद सदस्य राजेंद्र राठौड़, नंदकिशोर पहाड़िया, निरंजन सिंह चौहान, अभिषेक शर्मा, अश्विनी शुक्ल, राकेश जैन, मनीष शर्मा, जीतू यादव, प्रिया डांगी, राजेश उदावत, एवं क्षेत्रीय पार्षद महेश बसवाल, अन्य पार्षद गणों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ ही बडी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे। इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतिमा अनावरण पर केदारनाथ में प्रस्तुति देकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनकर आए हनुमंत ध्वज पथक द्वारा भी कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के अंत में क्षेत्रीय पार्षद  महेश बसवाल द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।

विदित हो कि बी. आर. टी. एस. मार्ग पर सन् 1970 में निर्मित उद्यान (शिवाजी वाटिका) में हिंदवी स्वराज के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की गयी थी। महाराज की शौर्य गाथा के प्रतीक स्वरूप उनकी प्रतिमा को किले की प्रतिकृति के समान स्मारक में पुनर्स्थापित करने हेतु नवनिर्माण किया गया। स्मारक के निर्माण हेतु रायगढ़ किला तथा महाराज के द्वारा मराठा स्थापत्य शैली में निर्मित अन्य किलों की संरचना का सूक्ष्म अध्ययन किया गया। स्मारक निर्माण हेतु मराठा स्थापत्य शैली के समान काले पत्थर से किले की दीवार, मुख्य प्रवेश द्वार, बुर्ज एवं प्रतिमा की परिकल्पना इस प्रकार की गयी जैसे कि महाराज अश्वारूढ़ होकर युद्ध की मुहीम पर जाने के लिये किले के मुख्य प्रवेश द्वार से बाहर आ रहे है ।

योजना के अंतर्गत उद्यान के मध्य में सात फीट ऊँचे प्रांगण पर काले पत्थर से निर्मित पेडस्टल पर प्राचीन प्रतिमा के सुधार तथा नवीन रंग उपरांत पुनर्स्थापित किया गया है। प्रतिमा स्थल को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिये प्रतिमा के पीछे प्राचीन किले के समान लगभग पचास फीट ऊँची तथा लगभग तीन सौ पैंतीस फीट लंबी काले पत्थर की दीवार, मध्य में एक भव्य किले का प्रवेश द्वार, बाहर की और किले के समान तीन अन्य प्रवेश द्वार तथा बाउंड्री वॉल बनायी गयी है। प्राचीन किले का स्वरूप प्रदान करने की दृष्टि से ही प्राचीन शैली की आकर्षक लाईट, उद्यान का विकास एवं काले पत्थर के पाथवे का निर्माण करवाया गया है। छत्रपति महाराजा शिवाजी की प्रतिमा के दोनो और एतिहासिक महत्व की दो वास्तविक तोप का भी स्थापित किया गया है।

किले की दीवारों पर दोनो और छत्रपति महाराजा शिवाजी की राजमुद्रा का निर्माण तथा एवं शौर्य तथा हिंदवी साम्राज्य के प्रतीक के रूप में उद्यान के पश्चिमी भाग में सौ फीट ऊँचे ध्वजदंड पर केशरिया ध्वज स्थापित किया गया है। इस कार्य पर कुल रूपये तीन करोड़ का व्यय किया गया है।FF